Kharmas 2023: आज से खरमास, जानें कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम, भूलकर भी न करें ये 5 काम

Kharmas 2023: आज से खरमास,  जानें कब से शुरू होंगे मांगलिक कार्यक्रम, भूलकर भी न करें ये 5 काम
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Kharmas 2023: खरमास एक समय अवधि है। जब सूर्य धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। ऐसा माना जाता है कि खरमास के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बुरे परिणाम मिलते हैं। खरमास की शुरुआत 15 मार्च से हो गई है और 14 अप्रैल तक यह अवधि रहेगी।

Kharmas 2023: खरमास 15 मार्च से शुरू हो रहा है। मान्यता है कि खरमास का प्रभाव करीब 1 महीने तक रहेगा। 15 मार्च से 14 अप्रैल तक खरमास का महीना है। इस अवधि में ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है, इसलिए इस अवधि में किसी भी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य कभी नहीं करने चाहिए। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अगले एक महीने तक आपको कौन से काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए।

सूर्य देव सालभर एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। लेकिन धनु या मीन राशि में जाने पर ही इसे खरमास कहा जाता है। वैसे साल में 12 संक्रांति आती है। जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशी में प्रवेश करते हैं। खरमास हर साल दो बार होता है। इस महीने मार्च 2023 में खरमास 15 मार्च से शुरू होकर 14 अप्रैल को समाप्त होगा।

खरमास 2023 तारीख और समय

15 मार्च से खरमास में मीन राशि में गोचर कर रहे सूर्य 14 अप्रैल तक वहीं रहेंगे, जिसके बाद अगले भाव में चले जाएंगे। सूर्य मीन राशि में 5:17 पर गोचर कर चुके हैं। पंडित दीपक चंद्र तिवारी ने बताया कि हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करने से पहले उसका मुहूर्त देखा जाता है। जैसे गृह प्रवेश, विवाह या अन्य शुभ कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त देखे जाते हैं। 16 मार्च से खरमास शुरू होने की वजह से शुभ कार्यों पर रोक लगेगी। अब कोई भी काम 14 अप्रैल के बाद होगा।

खरमास के दिनों में इन कामों को न करें...

  1. शास्त्रों के अनुसार खरमास में देवी की मानहानि और झगड़ा करना बहुत ही अशुभ माना जाता है। इसलिए ऐसे कार्यों से बचना चाहिए।
  2. ऐसी मान्यता है कि इस महीने में बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए, बल्कि जमीन पर सोना चाहिए।
  3. खरमास के दौरान भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. खरमास की अवधि में यदि कोई भिखारी दरवाजे पर आ जाए तो उसे खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए।
  5. खरमास के पूरे एक महीने की अवधि में विवाह, सगाई, गृहप्रवेश आदि कार्य नहीं करने चाहिए।

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