Kharmas 2021-22: कल से शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगेगा ब्रेक, जानें खरमास में क्यों नहीं बजेंगी शहनाईयां

Kharmas 2021-22: कल से शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगेगा ब्रेक, जानें खरमास में क्यों नहीं बजेंगी शहनाईयां
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Kharmas 2021-22: पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर, दिन बुधवार की रात से खरमास की शुरुआत होने जा रही है और पूरे एक महीने तक खरमास रहने के बाद 14 जनवरी 2022 को मकर संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति होगी। वहीं साल 2020 में खरमास की शुरूआत 14 दिसंबर से हुई थी। ज्योतिष की मानें तो खरमास को मलमास भी कहा जाता है और माना जाता है कि खरमास में सूर्यदेव के रथ की गति मंद पड़ जाती है। इसीलिए इस मास में विवाह आदि अनेक प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

Kharmas 2021-22: पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर, दिन बुधवार की रात से खरमास की शुरुआत होने जा रही है और पूरे एक महीने तक खरमास रहने के बाद 14 जनवरी 2022 को मकर संक्रांति के दिन खरमास की समाप्ति होगी। वहीं साल 2020 में खरमास की शुरूआत 14 दिसंबर से हुई थी। ज्योतिष की मानें तो खरमास को मलमास भी कहा जाता है और माना जाता है कि खरमास में सूर्यदेव के रथ की गति मंद पड़ जाती है। इसीलिए इस मास में विवाह आदि अनेक प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। वहीं 15 दिसंबर 2021 की रात्रि से खरमास लगने के बाद अब विवाह आदि शुभ और मांगलिक कार्य एक माह के लिए बंद हो जाएंगे और इन पर पूरी तरह से ब्रेक लग जाएगा। 14 जनवरी 2022 यानि मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करते ही एक बार फिर से शहनाईयों की गूंज सुनाई देगी और शादी-विवाह समेत सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों की शुरूआत हो जाएगी।

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ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, खरमास को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस माह के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।

कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि न करें। मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं। इस महीने में मांस और शराब का सेवन न करें। खरमास में जमीन पर सोना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा बरसती है। खरमास में किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस माह भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाएं।

वहीं खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष पुण्यदायी माना जाता है और ऐसा करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तथा लोगों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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