Kharmas 2021-22: 16 दिसंबर से शुरू होगा मलमास, जानें कब तक लगेगा शुभ कार्यों पर विराम

Kharmas 2021-22: 16 दिसंबर से शुरू होगा मलमास, जानें कब तक लगेगा शुभ कार्यों पर विराम
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Kharmas 2021-22: इस बार खरमास (मलमास) का महीना 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है। जो 14 जनवरी 2022 को समाप्त होगा। वहीं साल 2020 में खरमास की शुरूआत 14 दिसंबर से हुई थी। खरमास के दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे। साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती है। जिस कारण कोई भी शुभ काम सफल नहीं होते हैं। शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है। इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित है। साथ ही कुछ नियमों का पालन करने के लिए भी कहा गया है।

Kharmas 2021-22: Kharmas 2021-22: इस बार खरमास (मलमास) का महीना 16 दिसंबर से शुरू हो रहा है। जो 14 जनवरी 2022 को समाप्त होगा। वहीं साल 2020 में खरमास की शुरूआत 14 दिसंबर से हुई थी। खरमास के दौरान विवाह, सगाई, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं होंगे। साथ ही नया घर या वाहन आदि खरीदना भी वर्जित हैं। ऐसा माना जाता है कि इस माह में सूर्य की गति धीमी हो जाती है। जिस कारण कोई भी शुभ काम सफल नहीं होते हैं। शास्त्रों में खरमास का महीना शुभ नहीं माना गया है। इस अवधि में मांगलिक कार्य करना प्रतिबंधित है। साथ ही कुछ नियमों का पालन करने के लिए भी कहा गया है।

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मांगलिक कार्य करना वर्जित

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, खरमास को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस माह के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।

ऐसे लगता है खरमास

ज्योतिष के अनुसार, नौ ग्रह बताए गए हैं, इनमें से राहु-केतु को छोड़कर सभी ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं। सभी ग्रह वक्री और मार्गी दोनों चाल चलते हैं, लेकिन सूर्य एक ऐसा ग्रह है जो सदैव मार्गी रहता है व हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। इसी तरह जब सूर्य बृहस्पति की राशियों धनु और मीन में प्रवेश करते हैं तो बृहस्पति का तेज समाप्त हो जाता है। बृहस्पति को विवाह और वैवाहिक जीवन का कारक माना गया है। इसलिए सूर्य के बृहस्पति की राशियों में प्रवेश करने पर खरमास लगता है। इस दौरान सभी मांगलिक कार्य बंद रहेंगे। धार्मिक मान्यता है कि खरमास के दौरान सूर्य की चाल धीमी होती है इसलिए इस समय कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए।

साल में दो बार लगता है खरमास

ज्योतिष के अनुसार, साल में दो बार खरमास लगता है। जब सूर्य मार्गी होते हुए बारह राशियों में एक राशि से दूसरी राशि में भ्रमण करते हैं तो इस दौरान बृहस्पति के आधिपत्य वाली राशि धनु और मीन में जब सूर्य का प्रवेश होता है तो खरमास लगता है। इस तरह से मार्च माह में जब सूर्य मीन में प्रवेश करते हैं तब खरमास लगता है तो वहीं दिसंबर में जब सूर्य धनु में प्रेवश करते हैं तब खरमास लगता है। इस समय सूर्य की उपासना करने का विशेष महत्व माना जाता है। खासतौर पर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में हो उन्हें खरमास के दौरान सूर्य उपासना अवश्य करनी चाहिए।

खरमास की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान सूर्यदेव अपने सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। सूर्यदेव को कहीं रुकने की अनुमति नहीं है, लेकिन रथ से जुड़े घोड़े लगातार दौड़ने और आराम न करने के कारण थक जाते हैं। घोड़ों की ऐसी हालत देखकर एक बार सूरज देवता का मन द्रवित हो गया। जिसके बाद वे घोड़ों को तालाब किनारे ले गए। उन्हें यह आभास हुआ कि रथ रुक गया तो अनहोनी हो जाएगी। तब सूर्यदेव ने घोड़ों को पानी पीने और आराम करने के लिए वहीं छोड़ दिया। वह रथ में गधों को जोड़ा। गधों को सूरज देवता का रथ खींचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान रथ की गति धीमी हो जाती है। सूर्य देव एक माह में चक्र पूरा करते हैं। इस बीच घोड़ों ने भी आराम कर लिया। इसके बाद सूर्य का रथ पुनः अपनी गति में लौट आता है। इस तरह यह सिलसिला हर वर्ष जारी जारी रहता है।

इन बातों का रखें ध्यान

कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, भूमि पूजन आदि न करें। मन में किसी के प्रति बुरी भावना न लाएं। इस महीने में मांस और शराब का सेवन न करें। खरमास में जमीन पर सोना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा बरसती है। खरमास में किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस माह भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करना चाहिए। शाम के समय तुलसी के पौधे के समीप दीपक जलाएं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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