Kharmas 2021-22: खरमास में करें ये काम, आपके सभी पाप हो जाएंगे नष्ट

Kharmas 2021-22: खरमास में करें ये काम, आपके सभी पाप हो जाएंगे नष्ट
X
Kharmas 2021-22: खरमास (Kharmas) के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इस मास में उगते हुए सूरज (Surya) को जल (Jal) चढ़ाना चाहिए। सूर्यदेव की उपासना (Surya Upasna) करनी चाहिए। ऐसा भी माना गया है कि खरमास में दान (Daan) करने से पुण्य (Punya) मिलता है।

Kharmas 2021-22: खरमास (Kharmas) के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। इस मास में उगते हुए सूरज (Surya) को जल (Jal) चढ़ाना चाहिए। सूर्यदेव की उपासना (Surya Upasna) करनी चाहिए। ऐसा भी माना गया है कि खरमास में दान (Daan) करने से पुण्य (Punya) मिलता है। इसलिए इस महीने जरूरतमंद लोगों को भोजन (Bhojan) कराना चाहिए। इस महीने में लोगों को आवश्यकता के मुताबिक जरूरी चीजें भी बांटी जा सकती है। अगहन महीने (Agahan Mass) में अन्न के साथ ही वस्त्र दान भी किया जा सकता है। खरमास में गौ पूजन और गायों की सेवा करने से भगवान श्रीकृष्ण (Lord ShriKrashna) का आशीर्वाद मिलता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और भविष्य में हर तरह की सफलता मिलती है। जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब ऊनी कपड़ों का दान करने का विधान है। सूर्य के धनु राशि में रहते वक्त हेमंत और शिशिर ऋतु होती है। इस समय गर्म कपड़ों के साथ ही अन्न, जूते-चप्पल, गुड़, तिल और बाजरे का दान करने की परंपरा है। इस महीने अपनी कमाई से कुछ अंश जरूर दान करना चाहिए। गौ, भूमि, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक या शहद का दान करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं।

ये भी पढ़ें: Kharmas 2021-22: खरमास हुआ प्रारंभ, इस महीने हरि की कृपा पाने के लिए जरुर करें ये काम

खरमास में करें इन मंत्रों का जाप

धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के दौरान भगवान विष्णु, श्रीकृष्ण और सूर्य देव के मंत्रों का जाप करने का भी विधान है। इस महीने भगवान विष्णु के लिए ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। ऊँ क्लीं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप श्रीकृष्ण के लिए करना चाहिए। इन दोनों मंत्रों के लिए तुलसी या कमलगट्‌टे की माला का इस्तेमाल करना चाहिए। भगवान सूर्य के लिए उगते हुए सूरज को प्रणाम करने हुए ऊं घृणि सूर्याय नम: मंत्र जाप करना चाहिए।

भगवान विष्णु और सूर्य पूजा की पूजा से मिलता है लाभ

खरमास में तीर्थ स्नान, दान के साथ घरों और मंदिरों में भगवान की कथा करवाने का विधान है। खरमास के दौरान भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। पुराणों में बताया गया है कि खरमास के दौरान गौदान और ब्राह्मण भोजन करवाने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। खरमास में सूर्य पूजा करने की भी परंपरा है। इस महीने में जब सूर्य धनु राशि में रहता है तब सूर्य को अर्घ्य देने और प्रणाम करने से बीमारियां दूर होती हैं और उम्र भी बढ़ती है। खरमास में भगवान श्रीकृष्ण का भी अभिषेक किया जाता है।

खरमास में नहीं होते मांगलिक कार्य

बृहस्पति मांगलिक कार्यों के कारक ग्रह हैं। सूर्य और देव गुरु बृहस्पति एक-दूसरे के शत्रु ग्रह माने गए हैं। जब कभी ये दोनों ग्रह एक-दूसरे के मार्ग में आते हैं तो एक-दूसरे को ढंकने का प्रयास करते हैं। विद्वानों का मत है कि गुरु के प्रभाव में आने मात्र से सूर्य मलीन हो जाते हैं और 16 दिसंबर को वे गुरु के स्वामित्व वाली धनु राशि में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस अवधि के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Tags

Next Story