अपने हाथ की अंगुलियों से ऐसे जानें अपना भूत, भविष्य और वर्तमान

हस्तरेखा विज्ञान में आपके हाथों की अंगुलियों का बहुत विशेष स्थान होता है। किसी भी व्यक्ति के हाथों की लकीरों के अध्ययन द्वारा उस व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों कालों के बारे में आसानी से बताया जा सकता है। हस्तरेखा विज्ञान के अनुसार अंगुलियों के द्वारा व्यक्ति का पूरी तरह एक्स-रे किया जा सकता है। अंगुलियां छोटी-बड़ी, मोटी-पतली, टेढ़ी-मेढ़ी, गांठ वाली तथा बिना गांठ वाली कई प्रकार की होती हैं। आइए जानें अंगुलियों कुछ विशेष बातें।
1. प्रत्येक अंगुली तीन भागों में बंटी होती है, जिन्हें पोर कहते हैं।
2. पहली अंगुली को तर्जनी, दूसरी अंगुली को मध्यमा, तीसरी अंगुली को अनामिका तथा चौथी अंगुली को कनिष्ठा कहते हैं।
3. ये अंगुलियां क्रमशः बृहस्पति, शनि, सूर्य तथा बुध के पर्वतों पर आधारित होती हैं।
4. प्रत्येक अंगुली की अलग-अलग परीक्षा की जाती है।
5. यदि अंगुलियों के अग्र भाग नुकीले हों और अंगुलियों में गांठ दिखाई न दे तो व्यक्ति कला और साहित्य का प्रेमी तथा धार्मिक विचारों वाला होता है। काम करने की क्षमता इनमें कम होती है। सांसारिक दृष्टि से ये लोग निकम्मे होते हैं।
6. लम्बाई के हिसाब से अधिक लम्बी अंगुलियों वाला व्यक्ति दूसरे के काम में हस्तक्षेप अधिक करता है।
7. लम्बी और पतली अंगुलियों वाला व्यक्ति चतुर तथा नीतिज्ञ होता है।
8. छोटी अंगुलियों वाला व्यक्ति अधिक समझदार होता है।
9. बहुत छोटी अंगुलियों वाला व्यक्ति सुस्त, स्वार्थी तथा क्रूर प्रवृति का होता है।
10. जिस व्यक्ति की कनिष्ठा अंगुली छोटी तथा टेड़ी-मेड़ी हो तो वह व्यक्ति जल्दबाज तथा बेईमान होता है।
11. यदि अंगुलियों मिलाने पर तर्जनी और मध्यमा के बीच छेद हो तो व्यक्ति को 35 वर्ष की उम्र तक धन की कमी रहती है।
12. यदि मध्यमा और अनामिका के बीच छिद्र हो तो व्यक्ति को जीवन के मध्य भाग में धन की कमी रहती है।
13. अनामिका और कनिष्का के बीच छिद्र बुढ़ापे में निर्धनता का सूचक है।
14. जिस व्यक्ति की पहली अंगुली यानी अंगूठे के पास वाली अंगुली बहुत बड़ी होती है वह व्यक्ति तानाशाही अर्थात् लोगों पर अपनी बातें थोपने वाला होता है।
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