Kumbh Mela 2021 : 83 साल के बाद बन रहा 11वें साल का संयोग, जानिए कुंभ में गंगा स्नान का महत्व

Kumbh Mela 2021 : 83 साल के बाद बन रहा 11वें साल का संयोग, जानिए कुंभ में गंगा स्नान का महत्व
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Kumbh 2021 : कुंभ का महापर्व 83 साल के बाद पहली बार 12 साल की जगह 11 साल में आयोजित हो रहा है। कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। शास्त्रों के मुताबिक हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में प्रत्येक 12वें वर्ष में कुंभ का आयोजन होता है।

Kumbh Mela 2021 : कुंभ का महापर्व 83 साल के बाद पहली बार 12 साल की जगह 11 साल में आयोजित हो रहा है। कुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है। शास्त्रों के मुताबिक हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में प्रत्येक 12वें वर्ष में कुंभ का आयोजन होता है।

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साल 2022 में लगने वाला कुंभ मेला इस साल हरिद्वार में आयोजित होने जा रहा है। क्योंकि ग्रह गोचर चल रहे हैं। अमृत योग का निर्माण काल गणना के अनुसार होता है। जब कुंभ राशि का गुरु आर्य सूर्य में परिवर्तित होता है। अर्थात गुरु कुंभ राशि में नहीं होंगे इसलिए इस बार 11वें साल कुंभ का आयोजन हो रहा है। 83 साल की अवधि के बाद इस साल ये अवसर आया है। इससे पहले इस तरह की सह घटना साल 1760, 1885 और 1938 में हुई थी। इस साल कुंभ मेले की शुरुआत 14 जनवरी यानि कि मकर संक्रांति से हो गई है। कुंभ मेला हिन्दुओं का सबसे बड़ा शुभ और सबसे बड़े अनुष्ठानों में से एक है।

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देवताओं और दानवों में हुआ था संघर्ष

हिन्दू धर्म की पौराणिक कथाओं के अनुसार इस तरह की परंपरा समुद्र मंथन के बाद से शुरु हुई थी। जब अमृत की बूंदें मृत्यु लोक समेत 12 स्थानों पर बिखरी हुई थीं। कहते हैं कि इस अमृत कलश के लिए देवताओं और दानवों के बीच रस्सा कस्सी भी हुई थी। इस साल यह भव्य आयोजन 14 जनवरी 2021 से अप्रैल 2021 तक जारी रहेगा। उम्मीद की जा रही है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र गंगा में डुबकी लगाने के लिए लाखों की संख्या में भक्त लोग इक्ट्ठा होंगे।

कुंभ के दौरान गंगा स्नान का महत्व

शास्त्रों के अनुसार जो भी व्यक्ति कुंभ मेले के दौरान गंगा में स्नान करता है तो उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। और कहते हैं कि उस व्यक्ति के सभी पापों और रोगों का नाश हो जाता है।

निकाली जाएंगी झाकियां

वहीं इस साल कुंभ मेले के दौरान चार शाही स्नान होंगे और इस बार कुंभ मेले में 13 अखाड़े भाग लेंगे। इन अखाड़ों से झाकियां निकाली जाएगी। इन झाकियों में सबसे आगे नागा बाबा होंगे। और महंत, मंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और आचार्य महामंडेलश्वर नागा बाबाओं का अनुसरण करेंगे। और उत्तराखंड राज्य सरकार की ओर से इस कुंभ महापर्व को सफल बनाने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।

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