Kumbh Sankranti 2022: कुंभ संक्रांति के दिन इस उपाय के साथ करें इन वस्तुओं का दान, मिलेगा सूर्यनारायण का आशीर्वाद

Kumbh Sankranti 2022: 13 फरवरी 2022 को कुंभ संक्रांति है। संक्रांति के दिन भगवान सूर्यदेव राशि परिवर्तन करते हैं। ज्योतिष के अनुसार संक्रांति के दिन कई प्रकार की वस्तुओं का दान और उपाय किया जाता है। ऐसा करने से जातक को सूर्यदेव के शुभ फलों की प्राप्ति होती है और उसके जीवन से दुख और दरिद्रता का नाश होता है। तो आइए भविष्यवक्ता अनीष व्यास के अनुसार जानते हैं कि इस बार 13 फरवरी को कुंभ संक्रांति के दिन भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए क्या दान करें और क्या उपाय करें जिससे आपको सूर्य नारायण के शुभ फलों की प्राप्ति हो जाए।
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खाद्य वस्तुओं और वस्त्रों का करें दान
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास की मानें तो कुंभ संक्रांति के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। जल्दी उठकर सूर्य देव की पूजा करते हुए उन्हें अर्घ्य देनी चाहिए। कुंभ संक्रांति के दिन आदित्य ह्रदय स्रोत का पाठ करना चाहिए। यह पाठ करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी और सुख बना रहेगा। कुंभ संक्रांति के शुभ दिन सूर्य कवच, सूर्य चालीसा, सूर्य आरती, सूर्य स्तोत्र, आदित्य ह्दय स्तोत्र, सूर्य मंत्र, सूर्य नामावली वादि का विधि विधान से जाप करना चाहिए। कुंभ संक्रांति के दिन दान करने से बहुत शुभ फल प्राप्त होता है। खाद्य वस्तुओं, वस्त्रों और गरीबों को दान अत्यंत ही फलदायी माना जाता है। इस दिन घी का दान सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इसके अलावा संतरा फल गरीब बच्चों में बांटने चाहिए। स्वर्ण, स्टील, पीतल, तांबे, कांसे या चांदी के छोटे कलश मंदिर में दान करना चाहिए। कुंभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व होता है। गंगा नदी में पवित्र स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन सुख-समृद्धि पाने के लिए मां गंगा का ध्यान करें। अगर आप कुंभ संक्रांति के अवसर पर गंगा नदी में स्नान नहीं कर सकते हैं तो आप यमुना, गोदावरी या अन्य किसी भी पवित्र नदी में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं। अगर नदी स्नान संभव नहीं तो नदियों के मंत्र के साथ घर में ही स्नान पुण्य अर्जित किया जा सकता है।
उपाय
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि कि भगवान श्री विष्णु की उपासना करें। बंदर, पहाड़ी गाय या कपिला गाय को भोजन कराएं। रोज उगते सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करें। रविवार के दिन उपवास रखे। रोज गुढ़ या मिश्री खाकर पानी पीकर ही घर से निकलें। जन्मदाता पिता का सम्मान करें, प्रतिदिन उनके चरण छुकर आशीर्वाद लें । भगवान सूर्य की स्तुति आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें ।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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