Deepawali 2020: लक्ष्मी पूजन के बाद करें कुबेर मंत्र का जाप, फिर देखें चमत्कार

Deepawali 2020: भगवान कुबेर धन-संपत्ति की रक्षा करने वाल तथा समस्त जगत में जो अचल संपत्ति है यानि भूमि के स्वामी माने जाते हैं। भगवान शिव की कृपा से इन्हें देवताओं के खंजाची के नाम से भी जाना जाता है। धन-संपत्ति तथा खजाने की रक्षा यक्षों के द्वारा की जाती है। भगवान कुबेर यक्षों के स्वामी माने जाते हैं। कुबेर भगवान की पूजा के बिना लक्ष्मी एक स्थान पर ठहर ही नहीं सकती हैं। आपने सुना और देखा भी होगा कि लोग कई बार कहते हैं कि कितना भी कमा लो लेकिन पैसा रूकता ही नहीं है। इसका कारण यही है कि लक्ष्मी चंचल होने की वजह से किसी एक स्थान पर नहीं ठहरती हैं। लेकिन भगवान कुबेर के पूजन से लक्ष्मी के रूकने की क्रिया शुरू होने लगती है। यही कारण है कि दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के साथ कुबेर पूजन भी अवश्य करना चाहिए। भगवान कुबेर के मंत्र का अगर आप जाप करते हैं तो इसके अनगिनत महालाभ मिलते हैं। जैसे कि धन को रोकने के लिए माता लक्ष्मी का मंत्र जपने के बाद कुबेर को मंत्र जपना अनिवार्य माना जाता है। कुबेर का मंत्र जपने से प्रॉपर्टी से संबंधित अनेक प्रकार की समस्याओं का समाधान होना शुरू हो जाता है। जमीन, घर अथवा फ्लैट नहीं बिक पा रहा है तो कुबेर के मंत्र का अवश्य जाप करें। जमीन पर निर्माण कार्य कराने से पहले भी कुबेर मंत्र का अवश्य जाप करें। नए घर में प्रवेश के पहले भी कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिए। जिस घर में कुबेर मंत्र का जाप होता है वहां चारों दिशाओं से सुरक्षा हो जाती है। कुबेर मंत्र हर प्रकार के भय को दूर कर देता है। कुबेर की कृपा से ही धन की प्राप्ति के योग बनते हैं।
कुबेर मंत्र के जाप की विधि
किसी भी शांतिपूर्ण वातावरण में आप स्वच्छ और ढीले वस्त्र पहनकर आप बैठ जाएं। और उसके बाद कुछ देर तक सामान्य रूप से प्राणायाम करें। यानि गहरी सांस लें और छोड़ें। इसके बाद अपने आज्ञाचक्र के मध्य में ध्यान देते हुए कुबेर मंत्र का जाप करें।
कुबेर मंत्र
।।ऊँ श्रीं ह्रीं वित्तेश्र्वराय ह्रीं नम:।।
कुबेर मंत्र का जाप उपांशु यानि गुदगुदाकर ही जाप करें। और कुबेर मंत्र का प्रतिदिन 11 माला जाप करना चाहिए। यानि प्रतिदिन 1188 मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।
कुबेर मंत्र का जाप दीपावली अथवा अन्य दिनों में भी लक्ष्मी पूजन के बाद अवश्य करें।
दीपावली की रात को यूं ही पटाखें फोड़ने आदि में व्यर्थ ना जाने दें। जैसे समय पर किया गया कार्य ही सफलता प्रदान करता है। वैसे ही भगवान कुबेर और माता महालक्ष्मी के पूजन का सबसे बड़ा मुहूर्त वर्ष में एक ही बार आता है। वह भी सिर्फ दीपावली की रात को।
दीपावली की रात का समय सर्वसिद्धिदाता माना जाता है। इस दिन किया गया जप सफलता प्रदान करता है।
कुबेर मंत्र के नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुबेर मंत्र बहुत ही स्ट्रॉंग माना जाता है। इसलिए पूर्ण श्रद्धा होने पर ही इस विधि को अपनाएं।
कुबेर मंत्र के अभ्यास में जैसे ही आपको सफलता मिलती जाएगी। वैसे-वैसे ही आप अपने स्वभाव को एकदम मुलायम-नरम करते चले जाएं।
कुबेर मंत्र के अभ्यास के लिए आपको किसी प्रकार की दीक्षा की कोई जरुरत नहीं होती है।
भगवान कुबेर का पूजन दक्षिण दिशा की ओर मुख करके किया जाता है। लेकिन अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के लिए अलग-अलग दिशा की ओर मुख करके कुबेर मंत्र का जाप और पूजन करना अधिक शुभ माना जाता है।
अगर आप विद्यार्थी हैं अथवा नौकरी कर रहे हैं तो कुबेर मंत्र को पूर्व दिशा की तरफ मुख करके जाप करें।
अगर आप व्यापार कर रहे हैं तो आप कुबेर मंत्र को पश्चिम दिशा की ओर मुख करके जपें।
अगर आप लॉटरी-सट्टा या शेयर मार्केट से जुड़े हैं अथवा बैंकिंग क्षेत्र में आप कार्य करते हैं या होटल व्यवसाय के क्षेत्र में हैं तो कुबेर मंत्र को उत्तर दिशा की ओर मुख करके जपें।
अगर आप जमीन खरीदने-बेचने का कार्य करते हैं, लोहा, कोयला,तेल के क्षेत्र या मेडिकल क्षेत्र में कार्य करते हैं या कोई ऐसा कार्य करते हैं जिसमें दलाली लेनी अथवा देनी पड़ती है तो आप कुबेर मंत्र को दक्षिण दिशा की ओर अपना मुख करके जपें।
इस मंत्र का जाप कोई भी व्यक्ति कर सकता है। दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा समाप्त होने के बाद कुबेर मंत्र का जाप अवश्य करें। इसके अलावा कुबेर मंत्र का किसी भी अमावस्या की रात को भी आप जाप कर सकते हैं।
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