Lord Krishna: मन को शांत करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने बताएं ये दो उपाय, जानें कैसे करना चाहिए ध्यान

Lord Krishna: भगवान श्रीकृष्ण श्रीमद् भगवद्गीता में कहते हैं कि मन का बेचैन होना उसका स्वभाव है। हमारे मन में हर समय कुछ न कुछ चलता ही रहता है। यहीं ज्यादा सोच-विचार करना एक दिन किसी न किसी बड़ी मुसीबत में डाल देता है। व्यक्ति बेचैन हो जाता है। उसे कुछ समय नहीं आता है कि क्या करें और क्या न करें। वहीं, भगवान श्री कृष्ण भी करते हैं कि मन का बदलना बहुत ही स्वभाविक चीज है। आइए जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीमद् भगवद्गीता में मन शांत के लिए और क्या बातें कही है।
मन शांत के लिए ये दो उपाय
श्रीमद् भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि हमें अपने मन को शांत और स्थिर करने के लिए दो उपाय करना बहुत ही जरूरी होता है। पहली बात ये है कि व्यक्ति हो हमेशा ध्यान लगाना या मेडिटेशन करना बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा दूसरी ये बात है कि व्यक्ति को वैराग्य भाव सीखना चाहिए।
क्या होता है मेडिटेशन या ध्यान करने का मतलब
मेडिटेशन या ध्यान करने का मतलब सिर्फ आंख बंद करके बैठना नहीं होता है। अपितु, मेडिटेशन का मतलब होता है कि अपना पूरा ध्यान उस बात पर होना चाहिए, जिसके लिए आप ध्यान पर बैठे हैं।
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कहा जाता है कि जो काम आप कर रहे हैं उस काम में इतना लीन हो जाना चाहिए कि उस काम के अलावा कोई दूसरा चीज पर आपका ध्यान की न जाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में सोच-विचार करने का एक ध्यान बन जाता है। आपका मन यही से शांत होने लगता है। इसके बाद आप हमेशा अपने दिमाग में पॉजिटिव ही सोचेंगे।
Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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