Lunar Eclipse 2020: राजधानी में अदृश्य रहेगा चंद्रग्रहण, इसलिए सूतक काल भी नहीं

21 जून को हुए सूर्यग्रहण के बाद अब 5 जुलाई काे चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। लेकिन इस ग्रहण काल में सूतक काल मान्य नहीं होगा। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के खगोलशास्त्र विभाग के प्रो. नंदकुमार चक्रधारी का कहना है, चंद्रग्रहण के समय हल्की छाया होगी, जिसे लोग महसूस नहीं कर पाएंगे। पता नहीं लगेगा कि कब ग्रहण शुरू होकर समाप्त हो गया। उनका कहना है, सूर्यग्रहण के 15 दिनों बाद चंद्रग्रहण लगना कोई संयोग नहीं है। अक्सर देखा गया है सूर्यग्रहण के कुछ दिनों बाद चंद्रग्रहण होता है। सामान्यतः एक वर्ष में 4 ग्रहण लगते हैं। इसमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्रग्रहण होते हैं, लेकिन विशेष खगोलीय स्थिति होने पर कभी-कभी इससे ज्यादा भी ग्रहण हो जाते हैं। 2020 में लोगों को ठीक तरीके से चंद्रग्रहण देखने को नहीं मिलेगा। वर्ष 20-21 में ही लोग चंद्रग्रहण देख पाएंगे।
अदृश्य होगा चंद्रग्रहण
5 जुलाई को चंद्रग्रहण है। वहीं 6 से सावन मास शुरू हो रहा है। महामाया मंदिर के पुजारी मनोज शुक्ला का कहना है, सावन महीना शुरू होने के एक दिन पहले चंद्रग्रहण का संयोग कई सालों बाद देखने को मिला है। ग्रहण के होने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। इस समय शुभ कार्य नहीं किए जाते। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में अदृश्य है। इस वजह से चंद्रग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा। मंदिर में किसी भी प्रकार के शुभ कार्य वर्जित नहीं होंगे। पूजा पाठ और भोजन से जुड़े कार्य किए जा सकेंगे। अदृश्य होने के कारण इस चंद्रग्रहण का किसी भी राशि में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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