Maha Navami 2020 Date And Time : महानवमी पर इस विधि से करें कन्या पूजन,मिलेगा मां दुर्गा की पूर्ण आशीर्वाद

Maha Navami 2020 Date And Time : महानवमी साल 2020 में 25 अक्टूबर 2020 (25 October 2020) को मनाई जाएगी। यह शारदीय नवरात्रि की अंतिम दिन है। महानवमी के दिन कन्या पूजन को बहुत महत्व दिया जाता है। इस दिन छोटी- छोटी कन्याओ को घर पर भोजन के लिए आमंत्रित किया जाता है और उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप मानकर उनकी विधिवत पूजा करके प्रेम से भोजन कराया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपने महानवमी को कन्या पूजन विधिवत नहीं किया तो आपका नवरात्रि व्रत सफल नहीं हो पाएगा और यदि आप कन्या पूजन की विधि (Kanya Pujan Ki Vidhi) के बारे में नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे तो चलिए जानते हैं कन्या पूजन की संपूर्ण विधि।
महानवमी पर कन्या पूजन विधि (Maha Navami Kanya Pujan Vidhi)
1.महानवमी पर कन्या पूजन के साथ ही मां दुर्गा को विदा कर दिया जाता है। इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठना चाहिए और साफ वस्त्र धारण करके ही प्रसाद का भोजन बनाना चाहिए।
2.प्रसाद में हलुआ,चना,पूड़ी और खीर आदि बनाएं। क्योंकि इस दिन मां दुर्गा को इन्हीं चीजों का भोग लगाया जाता है और कन्याओं को यही भोजन प्रसाद के रूप में दिया जाता है।
3.इसके बाद मां दुर्गा की विधिवत पूजा करें। जिस प्रकार से आप पूरी नवरात्रि पूजा करते आएं हैं और इनके बाद प्रसाद में से नौ जगह प्रसाद को भोजन निकाल ले और उसके बाद पहले मां दुर्गा को सभी नौ निकले गए भोग में थोड़ा- थोड़ा भोग लगाएं।
4. मां दुर्गा को भोग लगाने के बाद नौ वर्ष से छोटी कन्याओं को घर भोजन के लिए आमंत्रित करें और सबसे पहले उनका पूजन करें कन्या पूजन करते समय मां दुर्गा का ध्यान अवश्य करना चाहिए और पूरी श्रद्धा के साथ कन्या पूजन करना चाहिए।
5. सबसे पहले सभी नौ कन्याओं के पैर स्वंय धोएं। इसके बाद साफ स्थान पर कपड़ा बिछाकर उन्हें बिठाएं।
6. सभी कन्याओं को एक साथ बिठाकर उनके हाथों मे रक्षासूत्र बांधना चाहिए और उनके माथे पर रोली का तिलक करना चाहिए।
7.इसके बाद मां दुर्गा के निकाले गए नौ भोगों को सर्वप्रथम नौ कन्याओं को खिलाना चाहिए और सभी नौ कन्याओं को लाल रंग की चुनरी अर्पित करें।
8.जब सभी कन्याएं पेट भरकर भोजन कर लें तो उन्हें दक्षिणा और उपहार स्वरूप कुछ न कुछ अवश्य देना चाहिए। बिना उपहार के उन्हें घर से विदा न करें।
9.कन्याओं को उपहार देने के बाद उनके पैर छुकर उनका आशीर्वाद अवश्य लें।
10.अंत में किसी ब्राह्मण और गाय को भी भोजन अवश्य कराएं और साथ ही ब्राह्मण को दक्षिणा भी दें।
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