Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल के साथ चढ़ा दें ये चीज, महादेव हो जाएंगे प्रसन्न

Maha Shivratri 2022: भांग, धतूरा, बेर आदि समेत भगवान शिव की प्रिय चीजों में बेलपत्र का बहुत खास महत्व है। भगवान शिव बेलपत्र की महक पर ही प्रसन्न हो जाते हैं और इसके बिना महादेव की पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है। वहीं फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि तो शिव और शक्ति के मिलन का पावन पर्व है, महाशिवरात्रि के दिन अगर आपने महादेव को बेलपत्र नहीं चढ़ाए तो शिव आपसे कैसे प्रसन्न हो सकते हैं, इसीलिए महाशिवरात्रि के दिन पूजा में शिवलिंग पर बेलपत्र जरुर अर्पित करें और उसके बाद जल अर्पित करें और महादेव से प्रसन्न होने की प्रार्थना करें। क्योंकि अगर आपने महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित नहीं किए तो आपको शिव पूजा का फल कैसे मिलेगा। तो आइए जानते हैं महादेव को बेलपत्र क्यों प्रिय है।
पौराणिक कथा के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब समुद्र से 14 रत्नों में से एक हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने सृष्टि को बचाने के लिए उस हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर लिया। उस विष के प्रभाव से भगवान शिव का कंठ नीला हो गया और उनका पूरा शरीर अत्यधिक गरम हो गया जिसकी वजह से आसपास का वातावरण भी जलने लगा चूंकि बेलपत्र विष के प्रभाव को कम करता है इसलिए सभी देवी देवताओं ने बेलपत्र शिवजी को खिलाना शुरू कर दिया। बेलपत्र के साथ साथ शिव को शीतल रखने के लिए उन पर जल भी अर्पित किया गया। बेलपत्र और जल के प्रभाव से भोलेनाथ के शरीर में उत्पन्न गर्मी शांत होने लगी और तभी से शिवजी पर जल और बेलपत्र चढ़ाने की प्रथा चल पड़ी।
महादेव को अर्पित करें ऐसा बेलपत्र
- बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए।
- बेलपत्र की पत्तियां कटी या टूटी और छेद रहित होनी चाहिए।
- भगवान शिव को बेलपत्र चिकने भाग की तरफ से ही अर्पित करें।
- भगवान शिव को एक ही बेलपत्र को जल से धोकर कई बार भी चढ़ा सकते हैं।
- शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते समय साथ ही में जल भी जरूर चढ़ाएं। जल के बिना कभी भी बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित नहीं करना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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