Mahakaleshwar Ujjain : एक क्लिक में जानें शिव नवरात्रि पर्व और श्रीमहाकालेश्वर भगवान का महत्व

Mahakaleshwar Ujjain : एक क्लिक में जानें शिव नवरात्रि पर्व और श्रीमहाकालेश्वर भगवान का महत्व
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  • शिव नवरात्रि के पर्व पर प्रतिदिन बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है।
  • बाबा महाकाल के दरबार में पूरे नौ दिनों तक देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है।

Mahakaleshwar Ujjain : श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर उज्जैन में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। शिव नवरात्रि के पर्व पर प्रतिदिन बाबा महाकाल का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। इस अवसर पर यहां बाबा महाकाल के दरबार में पूरे नौ दिनों तक देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है।

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अवंतिका नगरी (उज्जैन) तीर्थ केे पुरोहित पंडित शिवम् जोशी ने बताया कि, महाशिवरात्रि के नौ दिन पूर्व अर्थात फाल्गुन कृष्ण पक्ष पंचमी तिथि यानि 3 मार्च 2021 से फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी 11 मार्च 2021 महाशिवरात्रि तक शिव नवरात्रि या महाकाल नवरात्रि का नौ दिवसीय उत्सव मनाया जाएगा है। जैसे शक्ति की आराधना हेतु देवी नवरात्रि मनायी जाती हैं, उसी प्रकार भगवान शिव की साधना के लिए शिव नवरात्रि का विधान बताया गया है।


उज्जैन शक्तिपीठ और शक्तितीर्थ है। यहां बाबा महाकाल के साथ देवी हरसिद्धि विराजित हैं। शिव-पार्वती के साथ संबंध होने के कारण शक्ति की तरह शिव की भी नवरात्रि उत्सव की परंपरा है। यहां प्रतिदिन नौ रात्रि तक बाबा की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल नवरात्रि के दौरान लघुरुद्र, महारुद्र्र, अतिरुद्र, रुद्राभिषेक, शिवार्चन, हरिकीर्तन के आयोजन किए जाते हैं। श्री शिव नवरात्रि देश के प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों के अलावा कई शिव मंदिरों में विशेष रूप से मनाई जाती है।

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शिव नवरात्रि के दौरान प्रात:कालीन भस्मारती के बाद प्रातः श्री महाकालेश्वर मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान श्री चंद्रमौलीश्वर का पूजन किया जाता है, उसके पश्चात कोटितीर्थ कुण्ड के समीप स्थापित श्री कोटेश्वर महादेव का अभिषेक एवं पूजन किया जाता है। उसके पश्चात 11 पंडितों द्वारा एकादश-एकादशनी, लघु रुद्र पाठ किया जाता है। गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर केसर युक्त चंदन के लेपन से भगवान का दूल्हा बनाया जाएगा।


श्री महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व भूतभावन बाबा महाकाल और माता पार्वती के विवाह उत्सव और शिव नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान पूरे नौ दिन तक महाकाल के दरबार में देवाधिदेव महादेव और माता पार्वती के विवाहोत्सव का उल्लास रहता है। भस्म रमाने वाले बाबा महाकाल दूल्हा बनते हैं। उन्हें हल्दी लगाई जाती है और हल्दी और चंदन से ऊबटन कर उनका नित्य नया मनमोहक श्रृंगार किया जाता है।


मान्यता के अनुसार, भगवान शिव को पुजन मे हल्दी नहीं चढ़ाई जाती है। किन्तु इन नौ दिनों में बाबा महाकाल को प्रतिदिन हल्दी, केशर, चन्दन का उबटन, सुगंधित इत्र, औषधि, फलों का रस आदि से स्नान करवाया जाता है।


जिस प्रकार विवाह के दौरान दूल्हे को हल्दी लगाई जाती है। उसी प्रकार भगवान महाकाल को भी हल्दी लगाई जाती है। शिव नवरात्रि महोत्सव पर भस्म रमाने वाले बाबा महाकाल को दूल्हा बनाया जाता है, और इसके साथ ही उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि महोत्सव की शुरूआत होती है।


नौ दिन तक चलने वाले इस विवाह उत्सव में शहर सहित देशभर के श्रद्धालु पहुंचते हैं। नौ दिनों तक शाम को केसर व हल्दी से भगवान महाकालेश्वर का अनूठा श्रृंगार किया जाता है। पुजारी भगवान को हल्दी लगाकर दूल्हा बनाते हैं। भक्तों को नौ दिन तक भगवान महाकाल अलग-अलग रूपों में दर्शन देते हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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