Maha Shivratri 2021 : रुद्राभिषेक करने से होता है सारे दुख और रोगों का निवारण, जानें महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिव का अभिषेक

- रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) करने से मनुष्य के सभी दुखों का समाधान हो जाता है।
- फाल्गुन मास (Phalgun month) भगवान शिव (Lord Shiva) को श्रावण मास (Shravan month) की तरह ही प्रिय है।
- महाशिवरात्रि का पर्व ( Mahashivaratri Festival) शिव और शक्ति के मिलन का पर्व है।
Maha Shivratri 2021 : रुद्राभिषेक करने से मनुष्य के सभी दुखों का समाधान हो जाता है। रुद्राभिषेक मानव जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर कर, धनसंपदा बढ़ाने का सटीक उपाय है। रुद्राभिषेक श्रावण मास अथवा फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) के दिन किया जाए तो इसका महत्व और भी कई गुना बढ़ जाता है। यह फाल्गुन मास भगवान शिव को श्रावण मास की तरह ही प्रिय होता है। क्योंकि इस माह की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है जोकि शिव और शक्ति के मिलन का पर्व होता है। तो आइए जानते हैं इस पवित्र फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि के अवसर पर हम किस सामग्री से रुद्राभिषेक कर अपनी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं और किस सामग्री से रुद्राभिषेक करने से क्या लाभ होता है।
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जल
जल से रुद्राभिषेक करने पर वर्षा और तेज ज्वर शांत होता है।
शक्कर मिश्रित दूध
शक्कर मिले दूध से रुद्राभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान और सद्बुद्धि हो जाता है।
दही
दही से रुद्राभिषेक करने से भवन-वाहन और सुख-ऐश्वर्य प्राप्त होता है।
गन्ना का रस
गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करने से धन की प्राप्ति होती है।
शहद
शहद से रुद्राभिषेक करने से बीमारी दूर एवं पाप क्षय होता है एवं धन में वृद्धि होती है।
शक्कर मिश्रित जल
शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करने पर पुत्र की कामना पूर्ण होती है।
गाय का दूध
गोदुग्ध से रुद्राभिषेक संतान प्राप्ति की प्राप्ति होती है और इस प्रकार से रुद्राभिषेक करने पर योग्य तथा विद्वान संतान और आरोग्यता प्राप्त होती है।
तीर्थ का जल
तीर्थ के जल से रुद्राभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इत्र मिश्रित जल
इत्र मिले जल से रूद्राभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
शीतल जल-गंगाजल
शीतल जल अथवा गंगाजल से रुद्राभिषेक ज्वर की शांति हेतु करें।
घृत
घृत की धारा से रुद्राभिषेक (सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए) करने पर वंश का विस्तार होता है।
सरसों का तेल
सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु और रोग पराजित होता है।
कुशोदक
कुशोदक से रुद्राभिषेक करने पर असाध्य रोगों शांत होता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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