Mahashivratri 2023: महाशिवरात्रि पर इस मंदिर में लड़कियों को मिलता है मनचाहा वर, होगी हर मनोकामना पूर्ण

Mahashivratri 2023: हर किसी लड़की की ख्वाहिश होती है कि उसकी शादी किसी अच्छे लड़के के साथ हो और वो उसका अच्छे से ख्याल रखें। शादी का मतलब एक पवित्र बंधन होता है, जिसमें दो अनजान आत्माओं का मिलन होता है। ऐसे में जीवन साथी कहीं खराब मिल जाए तो जीवन नर्क बन जाता है। तो ये खबर आपके लिए काम की साबित हो सकती है। आज महाशिवरात्रि का दिन है और आज के दिन लगभग सभी लड़कियां महाशिवरात्रि के पवित्र पर्व पर उपवास रखती हैं। इस खबर में जानेंगे इच्छा पूर्ति महादेव के बाबा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर के बारे में। मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी लड़की उपवास करके भगवान शिव की पूजा-आराधना करती है। तो उनकी हर इच्छा जल्द पूरी हो जाती है, तो चलिए इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं।
महादेव का बाबा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर उत्तर प्रदेश के मेरठ में स्थित है। मान्यता यह है कि रामायण काल से ही भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना की जा रही है। वेदों और पुराणों में इस मंदिर में स्थित जाग्रत ज्योतिर्लिंग का वर्णन किया गया है और पूजा भी जाती है, क्योंकि इस मंदिर में रावण की पत्नी मंदोदरी ने अपने आराध्य भगवान महादेव की आराधना करके सबसे शक्तिशाली और विद्वान पति मांगा था। जिससे भगवान महादेव ने प्रसन्न होकर शक्तिशाली और विद्वान रावण को उन्हें पति के रूप में वरदान में दे दिया।
दरअसल, बाबा बिल्वेश्वर नाथ का मंदिर सदियों पुराना है। कहा जाता है कि यहां पर रावण की पत्नी मंदोदरी ने भगवान शिव को प्रसन्न करके रावण जैसे बलवान और विद्वान को पति के रूप में प्राप्त किया था। मंदोदरी रोज सदर स्थित बिल्वेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने आती थीं। शास्त्रों में कहा जाता है कि भगवान भोलेनाथ स्वयं प्रकट हुए थे और मंदोदरी को वरदान दिया था। इस मंदिर की खास बात यह है कि इस मंदिर का शिवलिंग का आकार अन्य शिवलिंग से थोड़ा अलग है। यहां के स्थानीय लोग कहते हैं कि यह सिद्ध पीठ मंदिर है। कहते है जैसे शिव की 12 ज्योतिर्लिंग हैं उसी प्रकार इस मंदिर में भी उन ज्योतिर्लिंग के आकार की तरह शिवलिंग का आकार है।
शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन जो भी कुंवारी कन्या उपवास कर बाबा बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में पूजन करने आती हैं और अपने मनपसंद पति के लिए आशीर्वाद मांगती है, तो वो पूरा भी हो जाता है। इसलिए इस मंदिर को इच्छा पूर्ति मंदिर भी कहते हैं।
डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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