Margashirsh Mass 2021: मार्गशीर्ष मास में मिलती है भगवान विष्णु की विशेष कृपा, जानें पुण्य प्राप्ति, कर्ज मुक्ति के मंत्र और उपाय

Margashirsh Mass 2021: हिन्दू धर्मशास्त्रों में मार्गशीर्ष मास की विशेष महिमा बताई गई है। मार्गशीर्ष मास को सभी मासों में उत्तम और पवित्र तथा विशेष पुण्यदायी माना गया है। 20 नवंबर 2021, दिन शनिवार यानि आज से मार्गशीर्ष मास प्रारंभ हो रहा है। पवित्र और पुण्यदायी मार्गशीर्ष मास में किए गए दान-पुण्य और धार्मिक कार्य विशेष लाभकारी होते हैं। वहीं श्रीमद भागवत पुराण और स्कंद पुराण में मार्गशीर्ष मास के महत्व को विस्तार से बताया गया है। तो आइए जानते हैं मार्गशीर्ष मास में क्या करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक पुण्य की प्राप्ति हो और अगर आप कर्ज से परेशान है तो उसके लिए मार्गशीर्ष मास के प्रथम दिन क्या उपाय करें।
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पुण्य की प्राप्ति के लिए करें ये काम
- शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास में विष्णुसहस्त्र नाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करना और श्रवण करना बहुत लाभकारी बताया गया है। जो व्यक्ति इन शास्त्रों में से किसी भी शास्त्र का अध्ययन, श्रवण और मनन करता है। उसके समस्त पापों का नाश हो जाता है। इसीलिए इस पवित्र मार्गशीर्ष मास में इन शास्त्रों का पाठ और श्रवण करना चाहिए।
- वहीं मार्गशीर्ष मास में 'श्रीमद भागवत' ग्रन्थ को देखने से भी पापों का नाश होता है। वहीं स्कन्द पुराण में वर्णित है कि घर में अगर भागवत गीता हो तो एक बार दिन में उसको अवश्य प्रणाम करना चाहिए।
- मार्गशीर्ष मास में अपने गुरु, ईष्ट को प्रतिदिन ऊं दामोदराय नमः मंत्र का जाप करते हुए प्रणाम करने से व्यक्ति को दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है।
- वहीं मार्गशीर्ष मास में शंख में किसी भी तीर्थ का जल भरकर घर के पूजास्थल और भगवान अथवा गुरु की प्रतिमा ऊपर से शंख घुमाकर भगवान का नाम बोलते हुए उस जल को घर की दीवारों छींटने से उस घर में शुद्धि बढ़ती है, शांति बढ़ती है, क्लेश झगड़े दूर होते है और घर के लोगों के बीच प्रेम बना रहता है।
आर्थिक कष्ट निवृति के उपाय
अगर आप लोग गरीबी से बहुत पीड़ित हैं, पैसों की तंगी हो रही है और कर्ज का ब्याज भरते-भरते आप परेशान हो गए हैं। तथा आपको बहुत तकलीफ सहन करनी पड़ती है तो आज मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा की रात को एकांत में आप मानसिक रुप से अथवा दीया आदि जलाकर अपने गुरुदेव का पूजन करेंऔर फिर उसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए उनके मंत्र का 11 बार जाप करें।
मंत्र
मंगलम भग्वान विष्णु, मंगलम गरुध ध्वज।
मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि।।
इसके बाद आप इन छह मंत्रों का भगवान श्रीहरि का ध्यान करते हुए जाप करें।
मंत्र
- ॐ वैश्वानराय नम:
- ॐ अग्नयै नम:
- ॐ हविर्भुजै नम:
- ॐ द्रविणोदाय नम:
- ॐ संवर्ताय नम:
- ॐ ज्वलनाय नम:
उज्जैन स्थित अवंतिका तीर्थ के पुरोहित पंडित शिवम जोशी ने बताया कि जो व्यक्ति इस प्रकार मार्गशीर्ष मास में भगवान का ध्यान और उनके मंत्रों का जप करता है। तथा इस मास में कर्पूर का दीपक जलाकर भगवान को अर्पण करता है वह व्यक्ति अश्वमेघ यज्ञ का फल पाता है और अपने कुल का उद्धार कर देता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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