Margashirsh Mass 2021: मार्गशीर्ष मास है भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप, इस महीने जरुर करें ये एक काम

Margashirsh Mass 2021: मार्गशीर्ष मास है भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप, इस महीने जरुर करें ये एक काम
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Margashirsh Mass 2021: 20 नबंवर से मार्गशीर्ष मास का आरंभ हो गया है जिसका समापन 19 दिसंबर 2021 को होगा। श्रीमद भागवत पुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा था कि सभी माह में मार्गशीर्ष या अगहन श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्रमास में नए माह का आरंभ पूर्णिमा तिथि के अनुसार होता है। हर माह पूर्णिमा तिथि के बाद अगले दिन प्रतिपदा से नए मास का आरंभ हो जाता है।

Margashirsh Mass 2021: 20 नबंवर से मार्गशीर्ष मास का आरंभ हो गया है जिसका समापन 19 दिसंबर 2021 को होगा। श्रीमद भागवत पुराण में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा था कि सभी माह में मार्गशीर्ष या अगहन श्रीकृष्ण का ही स्वरूप है। मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्रमास में नए माह का आरंभ पूर्णिमा तिथि के अनुसार होता है। हर माह पूर्णिमा तिथि के बाद अगले दिन प्रतिपदा से नए मास का आरंभ हो जाता है। वहीं इस साल 19 नबंवर 2021 को कार्तिक पूर्णिमा थी। तथा 20 नबंवर से मार्गशीर्ष मास का आरंभ हो गया, वहीं मार्गशीर्ष मास 19 दिसंबर 2021 को समाप्त होगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास हिंदू वर्ष का नौंवा माह होता है। प्रत्येक चंद्रमास का नाम उसके नक्षत्र के आधार पर रखा जाता है। मार्गशीर्ष माह में मृगशिरा नक्षत्र होता है इसलिए इसे मार्गशीर्ष कहा जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे अगहन मास के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में भगवान कृष्ण की उपासना करने का विशेष महत्व माना गया है। तो आइए जानते हैं कि मार्गशीर्ष मास में क्या करना चाहिए।

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मार्गशीर्ष माह में करें ये काम

यदि आपके कार्यों में कोई बाधा आ रही है तो आपको ओम दामोदराय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए और अपने गुरु को प्रणाम करना चाहिए। इससे आपका काम बनेगा। इस माह में आपको शंख की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर से कलह दूर होता है और शांति आती है। अपने मनोकामनाओं की पूर्ति के इस माह में प्रत्येक दिन विष्णु सहस्रनाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करें। सभी पाप भी मिट जाएंगे।

मार्गशीर्ष माह में भगवान विष्णु को तुलसी का पत्र चढ़ाएं। फिर उसे प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। शास्त्रों में इस महीने को भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप कहा गया है। इस महीने में शंख पूजन का विशेष महत्व है। साधारण शंख को श्रीकृष्ण के पंचजन्य शंख के समान समझकर उसकी पूजा करने से सभी मनोवांछित फल प्राप्त हो जाते हैं।

अगहन मास में शंख की पूजा इस मंत्र से करनी चाहिए। पुराणों के अनुसार, विधि-विधान से अगहन मास में शंख की पूजा की जानी चाहिए। जिस प्रकार सभी देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, वैसे ही शंख का भी पूजा करें। इस मास में साधारण शंख की पूजा भी पंचजन्य शंख की पूजा के समान फल देती है जो भगवान कृष्ण का अतिप्रिय है।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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