Mauni Amavasya 2022 : मौनी अमावस्या पर इस चमत्कारी उपाय से दूर हो सकती है आपकी गरीबी, बस कर लें आप ये काम

Mauni Amavasya 2022 : माघ माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि माघ अमावास्या या मौनी अमावस्या कहलाती है। इस दिन स्नान, दान, पूजा-पाठ, मंत्र जाप, पितरों की आत्म शांति, तर्पण, भगवान विष्णु व पीपल वृक्ष की पूजा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखा जाता है। पंचांग के अनुसार, अमावस्या पर सोमवार का संयोग बेहद दुर्लभ और बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं इस साल 2022 में मौनी अमावस्या पर सोमवार का खुबसूरत संयोग बन रहा है इसीलिए इस अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है। वहीं सोमवती अमावस्या पर आपको धन प्राप्ति के कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। तो आइए जानते हैं माघ मौनी अमावस्या पर धन प्राप्ति के लिए किए जाने वाले इन्हीं खास उपायों के बारे में...
मौनी अमावस्या उपाय
- मौनी अमावस्या के दिन काले तिल का दान करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और गरीबी से छुटकारा मिलता है।
- मौनी अमावस्या पर काले तिल से पितृों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और धन संबंधी समस्या का निदान करते हैं।
- मौनी अमावस्या के दिन नदी, सरोवर या किसी पवित्र कुंड में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- मौनी अमावस्या के दिन सूर्य को जल में तिल, गुड़ और लाल पुष्प डालकर अर्घ्य देना चाहिए।
मौनी अमावस्या महत्व
इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई है। जिस वजह से इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि होठों से ईश्वर का जप करने से जितना पुण्य मिलता है उससे कहीं अधिक पुण्य मौन रहकर जप करने से प्राप्त होता है। इसीलिए इस दिन सुबह स्नान करने के बाद मौन व्रत का संकल्प लें। यदि संभव हो सके तो गंगा नदी में स्नान करें। और फिर जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। स्नान के बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति को तिल के लड्डू, तिल, तिल का तेल, वस्त्र, आंवला आदि चीजों का दान करें।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS