दिसंबर में इस दिन पड़ रही है मोक्षदा और सफला एकादशी, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि

दिसंबर में इस दिन पड़ रही है मोक्षदा और सफला एकादशी, जानिए इसका महत्व और पूजा विधि
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इस बार दिसंबर में भी मोक्षदा एकादशी और सफला एकादशी आने वाली है। कहा जाता है कि इस दिन व्यक्ति व्रत रख अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है। ऐसे में अगर आप भी इस बार विधि पूर्वक पूजा और व्रत कर लाभ पाना चाहते हैं तो आइए आपको दिसंबर में पड़ने वाली दोनों एकादशी के बारे में बताते हैं कि ये कब है और इसकी पूजा विधि क्या होगी...

एकादशी एक महत्वपूर्ण (Ekadashi Importance) दिन माना जाता है जो भगवान विष्णु को काफी प्रिय होता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति सचे मन से एकादशी का व्रत रखने के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना (Lord Vishnu Puja Vidhi) करता है, उसके जीवन से सभी दुख-समस्याएं दूर हो जाती हैं। हिन्दू पंचांग (Hindu Calendar) के मुताबिक महीने में दो बार एकादशी (Ekadashi) पड़ती है। पहली शुक्ल पक्ष के दौरान और दूसरी कृष्ण पक्ष के दौरान एकादशी पड़ती है। वहीं, इस बार दिसंबर में भी मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) और सफला एकादशी (Saphala Ekadashi) आने वाली है। कहा जाता है कि इस दिन व्यक्ति व्रत रख अपनी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकता है। ऐसे में अगर आप भी इस बार विधि पूर्वक पूजा और व्रत (Ekadashi varat)कर लाभ पाना चाहते हैं तो आइए आपको दिसंबर में पड़ने वाली दोनों एकादशी के बारे में बताते हैं कि ये कब है और इसकी पूजा विधि क्या होगी...

कब है मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi Date)

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार मार्गशीर्ष, शुक्ल एकादशी की शुरुआत 13 दिसंबर, 2021 की रात 9 बजकर 32 मिनट पर होगी और 14 दिसंबर, 2021 की रात 11 बजकल 35 मिनट पर ये समाप्त हो जाएगा।

कब है सफला एकादशी (Saphala Ekadashi Date)

सफला एकादशी 29 दिसंबर, 2021 को शाम के 4 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगी, जो अगले दिन 30 दिसंबर के 01 बजकर 40 मिनट पर समाप्त हो जाएगी।

कैसे करें एकादशी पर पूजा

एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान विष्णु के समक्ष घी की दीपक जलाएं। उन्हें तुलसी दल भी अर्पित करने के बाद आरती करें। संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। अगर आप व्रत रख रहे हैं तो पूजा के दौरान इसे लेकर संकल्प ले लें। भगवान विष्णु को चरणामृत का भोग लगाएं, इसमें तुलसी का एक पत्ता जरूर डालें। विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा जरूर करें। बता दें कि एकादशी के दिन चावल खाना माना होता है। इसलिए इस दिन अपने घर में न खुद चावल खाएं ना ही घर के किसी सदस्य को खाने दें।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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