Nag Panchami 2023 Date & Time: साल 2023 में कब है नाग पंचमी, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और इसकी पूजा विधि

Nag Panchami 2023 Date & Time: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। इस दिन सांपों को दूध पिलाया जाता है। इस पावन पर्व पर महिलाएं नाग देवता की पूजा करती हैं। सांपों को दूध चढ़ाती हैं। इस दिन महिलाएं अपने भाइयों और परिवार की खुशहाली के लिए भी प्रार्थना करती हैं। गरुड़ पुराण में यह सुझाव दिया गया है कि नाग पंचमी के दिन घर के दोनों ओर नागों की मूर्ति की पूजा करनी चाहिए। पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं। अर्थात पंचमी को शेषनाग आदि में पूजा करनी चाहिए।
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी की तारीख - 21 अगस्त 2023 दिन सोमवार
नाग पंचमी तिथि प्रारम्भ - 21 अगस्त 2023 को तड़के 00:21 बजे से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त - अगस्त 22, 2023 को 2:00 बजे से तक
पंचमी पूजा मूहूर्त - सुबह 05 बजकर 53 मिनट से 08 बजकर 30 मिनट तक
कुल अवधि- 2 घण्टे 36 मिनट
नाग पंचमी पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन अनंत, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट, शंख, कालिया और पिंगल नामक देवताओं की पूजा की जाती है।
नाग पंचमी के दिन घर के दरवाजे पर सांपों की 8 आकृति बनाएं।
हल्दी, रोली, चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें।
मिठाई का भोग लगाने के बाद नाग देवता की कथा को जरूर सुनें।
नाग पंचमी के दिन दिन दान जरूर करना चाहिए।
नाग देवता की पूजा का फल
हिंदू मान्यता के अनुसार, अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से जीवन के संकटों का नाश होता है। इस दिन नागों की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि इस दिन अगर किसी व्यक्ति को सांप दिख जाए तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं कि सर्पदंश का भय भी दूर हो जाता है।
नाग पंचमी की कथा
प्राचीन कथाओं में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। कहते हैं कि किसी राज्य में एक किसान रहता था। किसान के दो बेटे और एक बेटी थी। एक दिन हल जोतते समय सांप के 3 बच्चों को कुचल कर मार डाला। नागिन पहले विलाप करती रही और फिर बालक के हत्यारे से बदला लेने चली गई। रात में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी और दोनों लड़कों को डस लिया। अगले दिन किसान की बेटी ने दूध से भरा कटोरा सांप के सामने रख दिया। हाथ जोड़कर क्षमा मांगने लगी। सांप ने प्रसन्न होकर उसके माता-पिता और दोनों भाइयों को जीवित कर दिया। उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी। तभी से इस दिन नागों के प्रकोप से बचने के लिए नागों की पूजा की जाती है।
डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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