Narak Chaturdashi 2020 : जानिए नरक चतुर्दशी पर क्यों की जाती है दरिद्रता की देवी की विदाई, माता लक्ष्मी से क्या हैं इनका संबंध

Narak Chaturdashi 2020 : जानिए नरक चतुर्दशी पर क्यों की जाती है दरिद्रता की देवी की विदाई, माता लक्ष्मी से क्या हैं इनका संबंध
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Narak Chaturdashi 2020 : नरक चतुर्दशी का त्योहार (Narak Chaturdashi) कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन दरिद्रता की देवी की विदाई की जाती है। जिससे घर में मां लक्ष्मी ( Goddess Laxmi) का वास हो सके।

Narak Chaturdashi 2020 : नरक चतुर्दशी 14 नवंबर 2020 (Narak Chaturdashi 14 November 2020) को मनाई जाएगी। इस दिन यमदीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। इतना ही नहीं इस दिन अलक्ष्मी की विदाई (Alakshmi Ki Vidai) भी की जाता है। जिससे घर में मां लक्ष्मी का आगमन हो सके और जीवन भर की दरिद्रता दूर हो जाए

नरक चतुर्दशी पर अलक्ष्मी देवी की विदाई ( Narak Chaturdashi Per Alaxhmi Devi Ki Vidai)

अलक्ष्मी देवी को दरिद्रता की देवी भी माना जाता है। इनका दूसरा नाम ज्येष्ठी देवी भी है। उन्हें आज के दिन विशेष रूप से विदा किया जाता है। अलक्ष्मी देवी को धूल, मिट्टी जैसे गंदी जगह पसंद है। अलक्ष्मी देवी का जिस व्यक्ति के घर में वास हो जाता है। वह अपने पूरे जीवनभर दरिद्र बना रहता है। उसके जीवन में न तो धन होता है और न ही कोई सुख होता है। क्योंकि बिना धन के सुख की प्राप्ति हो ही नहीं सकती। इसलिए अलक्ष्मी को नरक चतुर्दशी के दिन घर से विदा करने की परंपरा है।

लेकिन जिस जगह पर अलक्ष्मी देवी होती है। उस जगह पर लक्ष्मी देवी नही आती। इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन घर से धूल मिट्टी को घर से बाहर निकाला जाता है। जब धूल मिट्टी को घर से बाहर निकाला जाता है तब दीप जलाकर दीप की ज्याति दिखाते हुए मिट्टी को बाहर फेंका जाता है। इसके अलावा इस दिन घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। जिससे अलक्ष्मी किसी भी रूप से घर में न रहे। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से अलक्ष्मी देवी घर से विदा हो जाती है।

इसलिए नरक चतुर्दशी के दिन अलक्ष्मी देवी को विदा किया जाता है। नरक चतुर्दशी के अगले दिन यानी दिवाली के दिन माता लक्ष्मी स्वागत के लिए घर को अच्छी तरह से सजाकर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। दिवाली का पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। जिसकी शुरूआतगोवर्धन पूजा के दिन से ही हो जाती है।लेकिन नरक चतुर्दशी के दिन से ही माता लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां शुरू कर दी जाती है।

जिसमें सबसे पहला काम सफाई का होता है। क्योंकि मां लक्ष्मी वहीं पर जाती हैं। जहां पर साफ सफाई हो। इसी कारण से नरक चतुर्दशी के दिन धूल, मिट्टी, गंदगी आदि को साफ करके अलक्ष्मी को विदा किया जाता है। जिससे माता लक्ष्मी का आगमन घर पर हो सके।

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