ओडिशा ट्रेन हादसे की पहले हो चुकी थी भविष्यवाणी, जानें 2 अंक से जुड़े भयानक रहस्य

ओडिशा ट्रेन हादसे की पहले हो चुकी थी भविष्यवाणी, जानें 2 अंक से जुड़े भयानक रहस्य
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आद्या श्री विद्या अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष भूगोल वास्तु प्राच्यविद्या पर्यावरण शोध संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजीव शर्मा शूर ज्योतिष ने ओडिशा में हुए 2 जून 2023 दिन शुक्रवार की शाम 6:59 की ट्रेन हादसा की भविष्यवाणी पहले ही कर दी थी। अंक ज्योतिष से जानें कैसे हुई ये घटना...

Prediction On Odisha Train Accident: भारत के ओडिशा राज्य में 2 जून 2023 दिन शुक्रवार की शाम 6:59 में एक बहुत ही भयानक ट्रेन हादसा हुआ, जिसमें करीब 300 लोगों की मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जा रहा है कि इस घटना का संकेत एक ज्योतिषाचार्य ने पहले ही दे दी थी। आद्या श्री विद्या अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिष भूगोल वास्तु प्राच्यविद्या पर्यावरण शोध संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष आचार्य राजीव शर्मा शूर ज्योतिष जो अंक शास्त्र के विशेषज्ञ और शोधकर्ता हैं। इन्होंने पीछे 33 वर्षों तक अंक ज्योतिष पर शोध किया है। इन्होंने अपने शोध में कहा है कि 2 अंक विश्व में 13 अंक से भी ज्यादा खतरनाक है। उन्होंने अपने शोध के जरिए कहा है कि इतिहास में अब तक जो भी भीषण युद्ध, दुर्घटना धरती से आकाश तक जितनी भी घटनाएं हुई हैं, सभी में 2 योग का योगदान पाया गया है।

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पं. शूर ने पिछले महीने यानी 12 मई 2023 को पूर्व ही भविष्यवाणी कर दी थी, कि 2, 11, 20, 29 तारीखें हैं, वे संसार के लिए खतरनाक साबित होंगी। उन्होंने सचेत किया था कि भारत सहित पूरे विश्व को भी इस तारीख सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने कहा कि 2 योग अंक पर जितनी बड़ी दुर्घटना, हमला, प्राकृतिक आपदा भूकंप, ज्वालामुखी, सुनामी से तूफानों की जब-जब शुरुआत हुई तब-तब धरती पर भीषण हादसा हुआ।

उन्होंने कहा कि 2 जून 2023 को शुक्रवार को शाम 6 बजकर 59 मिनट जिसका योग भी 6+5+9= 2 ही बनता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, उस समय वृश्चिक लग्न में 3-3 ट्रेनें आपस में टकरा गई। ज्योतिष पं. शूर के अनुसार, इस समय कालसर्प योग भी खतरनाक गुप्त शत्रु के 6 वें से 12 वें भाव में बना था। ये ट्रेन हादसा शनि के वक्री के कारण 100 प्रतिशत बना हुआ था।

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अंक, वास्तु, ज्योतिष विशेषज्ञ पं. शूर ने सर्वप्रथम 16 सितम्बर 1989 को विश्व में कालसर्प योग की खोज कर उसका नामकरण किया था। उस समय उनकी खोज को कोई नहीं मान रहा था। लेकिन, उनकी बताई तिथियों पर जब सारी घटनाएं होने लगीं, तब जाकर आज सब मान रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पं. शूर के पास कालसर्प योग के मंत्र को अब तक प्रकट नहीं किया है। उनको ऐसा लगता है कि अगर ये मंत्र सबके सामने प्रकट होता है, तो इसका दुरुपयोग होने लगेगा। इसी भय के कारण अब तक उन्होंने नहीं बताया है। शास्त्रों के अनुसार, कालसर्प योग खतरनाक रूप से तंग करता है।

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इसलिए पं. शूर ने संकेत किया है कि 2 अंक की 2, 11, 20, 29 तारीखों पर पूरे विश्व सावधान रहे। ऐसा माना जाता है कि जो भी पश्चिमी सभ्यता के लोग हैं, वे 13 को अशुभ मानते हैं। यहां तक की अंग्रेजों ने चंडीगढ़ में 13 सेक्टर नहीं रखा। बहुत सारे देशों में 13 अंक को बहुत ही ज्यादा अशुभ माना जाता है। यहां तक की 13 नं. का रूम भी नहीं बनाए जाते हैं। लेकिन बता दे कि पं. शूर ने अपने अंक शास्त्र को शोध के खोज में 13 अंक से भी खतरनाक 2 अंक को घोषित कर रखा है। पं. ‘शूर’अपने शोध के आधार पर मानते हैं कि विश्व युद्ध, सुनामी जापान, कल्पना चावला, यान दुर्घटना, इसरो नासा यान जैसे बड़ी हवाई दुर्घटना आदि तक की शुरुआत में 2 अंक में बहुत ही बड़े हादसे हुए हैं।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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