दशहरा के दिन ना करें ये गलतियां

dussehra 2020 : अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा का पर्व मनाया जाता है। यह शुभ दिन भगवान श्रीराम की रावण पर विजय, मां भवानी की की महिषासुर पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीराम राम और शमी के पेड़ और शस्त्रों की पूजा की जाती है। जीवन में सफलता प्राप्त करने और जीवन की हर कमी को पूरा करने के लिए इस दिन विशेष पूजा का विधान है। इसके साथ ही दशहरा पूजा के दिन लोग जल्दबाजी में कुछ गलतियां कर देते हैं जिन्हें लोगों को नहीं करना चाहिए। तो आइए आप भी जानें वे कौन सी गलतियां हैं जिन्हें दशहरा के दिन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
1. संस्कारों से जुड़े कार्य
दशहरा के दिन मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत संस्कार, नामकरण संस्कार आदि के अलावा सभी मांगलिक कार्य इस दिन संपन्न किए जा सकते हैं। शास्त्रों में इसे शुभ माना गया है। परन्तु इस दिन अबूझ होने पर भी दशहरें के दिन विवाह संस्कार नहीं करना चाहिए।
2. अत्याचार ना करें
दशहरा के दिन किसी निर्बल प्राणी पर अत्याचार नहीं करना चाहिए। क्योंकि दशहरा का पर्व बुराई पर भलाई की विजय का पर्व है। इसलिए किसी भी प्राणी के साथ दशहरा के दिन बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
3. वृक्ष नहीं काटें
दशहरा के दिन वृक्षों को किसी भी तरह की क्षति नहीं पहुंचानी चाहिए। इस दिन पेड़ नहीं काटने चाहिए। अपितु शमी और अपराजिता वृक्ष की पूजा करके जीवन को खुशहाल बनाना चाहिए।
4. अभद्र व्यवहार
दशहरा के दिन कन्याओं और महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अभद्र व्यवहार नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से मां भवानी और मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है।
5. पाप कर्म
दशहरा के दिन किसी भी प्रकार का पाप कर्म नहीं करना चाहिए। अन्यथा यमराज की यात्राओं का सामना करना पड़ सकता है।
6. पक्षियों को ना मारें
दशहरा के दिन किसी भी पशु-पक्षी और जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। अपितु इस दिन नीलकंड पक्षी का दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है।
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