Papankusha Ekadashi 2021: पापांकुशा एकादशी कब है, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और इस दिन क्या करें, क्या ना करें

Papankusha Ekadashi 2021: पापांकुशा एकादशी कब है, जानें इसका महत्व, पूजा विधि और इस दिन क्या करें, क्या ना करें
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Papankusha Ekadashi 2021: हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है। परन्तु पापांकुशा एकादशी स्वयं के साथ दूसरों को भी लाभ पहुंचाती है। इस साल 16 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी पड़ रही है। तो आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी व्रत की विधि, महत्व एवं पारण कैसे किया जाए।

Papankusha Ekadashi 2021: हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व होता है। परन्तु पापांकुशा एकादशी स्वयं के साथ दूसरों को भी लाभ पहुंचाती है। इस साल 16 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी पड़ रही है। तो आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी व्रत की विधि, महत्व एवं पारण कैसे किया जाए।

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पापांकुशा एकादशी व्रत का महत्व

सभी व्रतों में नवरात्रि, पूर्णिमा, अमावस्या के बाद एकादशी के व्रत का महत्व सबसे अलग होता है। चंद्रमा की स्थिति के कारण व्यक्ति की जो मानसिक और शारीरिक स्थिति खराब और अच्छी होती है, ऐसी दशा में एकादशी व्रत से चंद्रमा के खराब प्रभाव को कम किया जा सकता है।

यहां तक कि, ग्रहों का असर भी बहुत हद तक कम किया जा सकता है। क्योंकि एकादशी व्रत का सीधा प्रभाव हमारे मन और शरीर दोनों पर पड़ता है। पापांकुशा एकादशी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। इस एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था। इस एकादशी पर भगवान पद्मनाभ की पूजा की जाती है।

पाप रुपी हाथी को पुण्य रुपी अंकुश से भेदने के कारण ही इस व्रत का नाम पापांकुशा एकादशी एकादशी हुआ। इस दिन मौन रहकर भगवान का स्मरण कर भोजन का विधान है। इस प्रकार शुद्ध अंत:करण से इस एकादशी को करना चाहिए।

पापांकुशा एकादशी व्रत को करने से हमारा मन शुद्ध होता है और पापों का प्रायश्चित भी होता है। साथ ही माता-पिता और मित्र की पीढ़ियों को भी मुक्ति मिलती है।

पापांकुशा एकादशी व्रत की विधि

पापांकुशा एकादशी के दिन सुबह और शाम को भगवान विष्णु के पद्मनाभ स्वरुप का पूजन करें। मस्तक पर सफेद चंदन या गोपी चंदन लगाकर पूजन करें। इसके बाद पंचामृत, पुष्प और ऋतु फल अर्पित करें। आप चाहें तो एक बेला उपवास रखकर आप सात्विक आहार ग्रहण कर सकते हैं। शाम को आहार ग्रहण करने से पहले उपासना और आरती जरुर करें। पापांकुशा एकादशी के ऋतुफल और अन्न का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।

पापांकुशा एकादशी के दिन रखें इस बात का ध्यान

  • पापांकुशा एकादशी के दिन चावन और भारी खाद्य पदार्थ यानी मांस-मदिरा का सेवन बिलकुल भूलकर भी ना करें।
  • रात्रि के दौरान पूजा-उपासना का विशेष महत्व होता है। पापांकुशा एकादशी के दिन क्रोध ना करें।
  • पापांकुशा एकादशी के दिन कम बोलें और अपने आचरण पर नियंत्रण करें और साथ ही अपनी वाणी पर भी नियंत्रण करें।
  • (Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi।com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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