Parama Ekadashi 2023: अधिकमास की दूसरी एकादशी कब, जानें परमा एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Parama Ekadashi 2023: अधिकमास की दूसरी एकादशी कब, जानें परमा एकादशी की डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व
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Parama Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, 12 अगस्त 2023 को अधिकमास की दूसरी एकादशी पड़ रही है। इस एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं। तो आइये जानते हैं परमा एकादशी के शुभ मुहूर्त, शुभ तिथि और महत्व के बारे में...

Parama Ekadashi 2023: ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, अधिक मास की दूसरी और अगस्त माह की पहली एकादशी 12 अगस्त 2023 दिन शनिवार को पड़ रही है। इस एकादशी को परमा एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस एकादशी पर व्रत रखने का एक अलग ही विधान है। तो आइये परमा एकादशी के बारे में जानते हैं।

परमा एकादशी कब

पंचांग के अनुसार, साल 2023 की परमा एकादशी अधिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 अगस्त 2023 को सुबह 05:06 मिनट से लेकर 12 अगस्त सुबह 06:31 मिनट तक रहेगा। ऐसे में ज्योतिषियों का कहना है कि परमा एकादशी 12 अगस्त दिन शनिवार को मनाया जाएगा। इस एकादशी व्रत के पारण का समय 13 अगस्त 2023 को सुबह 5 बजकर 49 मिनट से लेकर 8 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।

परमा एकादशी कई दुर्लभ सिद्धियों की दाता माना जाता है। इस एकादशी में 5 दिन तक व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी को कमाल या पुरुषोत्तमी एकादशी के रूप में जाना जाता है। इस एकादशी के व्रत के दौरान 5 दिनों तक अलग-अलग दान करने का विधान होता है।

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परमा एकादशी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परमा एकादशी के व्रत के दौरान पांच दिन तक स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, गौ दान और भूमि दान करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो भी जातक इस तरह के दान-पूर्ण के साथ व्रत रखता है, उस जातक पर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। इसके साथ ही वह व्यक्ति धन-धान्य से भरा रहता है। उसको कभी आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है।

परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से कई तरह की दुर्लभ सिद्धियां प्राप्त होती है। अधिक मास की यह एकादशी से पंचरात्रि अत्यंत पुण्य देने वाली होती है। इस एकादशी को अधिक मास एकादशी भी कहा जाता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, परमा एकादशी के दिन भगवान शंकर और विष्णु जी की पूजा की जाती है। इस दिन इन दोनों की एक साथ पूजा करने का बड़ा ही महत्व होता है। कहा जाता है कि परमा एकादशी के दिन ही भगवान शिव ने कुबेर जी को धनाध्यक्ष और हरिश्चंद्र को राज्य, पुत्र और पत्नी सुख की प्राप्ति हुई थी।

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Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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