Pausha Putrada Ekadashi 2022: साल 2022 में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पारण का समय, द्वादशी तिथि समाप्ति Time And Importance

Pausha Putrada Ekadashi 2022: साल 2022 में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पारण का समय, द्वादशी तिथि समाप्ति Time And Importance
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  • जानें, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत साल के किस-किस महीने में आते हैं।
  • जानें, किस लिए किया जाता है पुत्रदा एकादशी व्रत
  • जानें, पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण की अवधि क्या होगी।

Pausha Putrada Ekadashi 2022: पौष माह (Paush month) में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी व्रत (Putrada Ekadashi Vrat) को पौष पुत्रदा एकादशी (Pausha Putrada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। पुत्रदा एकादशी एक साल में दो बार आती है। एक बार पौष माह और दूसरी बार श्रावण माह में। पौष माह में पड़ने वाली एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी और श्रावण माह में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि निसंतान दंपत्ति को इस व्रत को रखने पर उन्हें उत्तम संतान की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं कि पौष पुत्रदा एकादशी कब है। एकादशी का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

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पुत्रदा एकादशी व्रत करने से वाजपेयी यज्ञ के बराबर और उत्तम फल की प्राप्ति होती है। जिन लोगों को संतान की प्राप्ति नहीं होती है, उन लोगों के लिए पुत्रदा एकादशी व्रत बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2022

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत तिथि

13 जनवरी दिन गुरुवार

एकादशी प्रारंभ

12 जनवरी शाम 04:49 बजे से

एकादशी समाप्त

13 जनवरी शाम 07:32 बजे

व्रत पारण तिथि

14 जनवरी, दिन शुक्रवार

व्रत पारण का समय

सुबह 07:15 बजे से सुबह 09:21 बजे तक

व्रत पारण की अवधि

02 घंटे 06 मिनट

द्वादशी समाप्ति का समय

14 जनवरी, दिन शुक्रवार रात्रि 10:19 बजे

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की 11वीं तिथि को एकादशी कहा जाता है और वहीं एक माह में दो एकादशी तिथि होती है और पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशी होती हैं, लेकिन वहीं प्रत्येक तीन वर्ष में अधिक मास लगने के कारण उस वर्ष में दो एकादशी और जुड़ जाती है इसीलिए उस वर्ष में 26 एकादशी तिथि पड़ती हैं। पुत्रदा एकादशी निसंतान दंपत्तियों के लिए अति महत्वपूर्ण मानी जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति अवश्य होती है। अगर आपकी संतान को किसी प्रकार का कष्ट है तो भी यह व्रत रखने से सारे कष्ट दूर होते हैं। संतान दीर्घायु होती है। जो लोग पूरी श्रद्धा के साथ पुत्रदा एकादशी का व्रत रखते हैं और पुत्रदा एकादशी व्रत कथा का श्रवण करते हैं उनके समस्त पापों का नाश होता है।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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