Phalguna Purnima 2023: फाल्गुन पूर्णिमा कब है? जान लें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि, इस दिन है होलिका दहन

Phalguna Purnima 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान करना बेहद ही शुभ माना जाता है। ये व्रत फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन सुबह उठकर पवित्र-नदियों में स्नान किया जाता है। और उसके बाद दान भी देते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा की शाम चंद्रमा और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख और समृद्धि, धन-वैभव आदि की प्राप्त होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के शाम को ही होलिका दहन करते हैं और साथ ही उसके अगले दिन होली मनाते हैं।
फाल्गुन पूर्णिमा पर होती है होलिका दहन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत का संबंध होली से भी माना गया है। मान्यता है की हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने फाल्गुन पूर्णिमा की रात को ही भक्त प्रह्लाद को अग्नि में जलाकर मारने का प्रयास किया था, लेकिन प्रह्लाद बच गए और होलिका उसी आग में जलकर मर गई। इसी कारण से प्रत्येक साल फाल्गुन मास के पूर्णिमा तिथि पर होलिका का दहन होता है। और साथ ही अगले दिन होली खेली जाती है। आज इस खबर में जानेंगे फाल्गुन पूर्णिमा की शुभ तिथि, स्नान-दान का शुभ मुहूर्त...
फाल्गुन पूर्णिमा की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन शुरुआत यानी 6 मार्च को होगा। इस दिन शुभ मुहूर्त शाम को 4 बजकर 17 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 7 मार्च की शाम 6 बजकर 9 मिनट पर होगा। पंचांग के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा का स्नान-दान 7 मार्च होंगे।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय
शास्त्रों के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन चंद्र देव को पूजा जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन यानी 7 मार्च को चंद्रोदय शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगा वहीं 8 मार्च को सुबह 6 बजकर 44 मिनट पर चंद्रास्त होगा।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन स्नान-दान मुहूर्त
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रात:काल से ही स्नान-दान का शुभ मुहूर्त शुरू हो जाता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह के 05 बजकर 2 मिनट से लेकर सुबह के ही 5 बजकर 51 मिनट तक है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन का शुभ मुहूर्त दोपहर के 12 बजकर 9 मिनट से लेकर 12 बजकर 56 मिनट तक है। इसके साथ ही इस दिन का विजय मुहूर्त दोपहर के 2 बजकर 30 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 17 मिनट तक है।
फाल्गुन पूर्णिमा के दिन पूजा मुहूर्त
पौराणिक मान्यता अनुसार, इस दिन सुबह सत्यनारायण भगवान की कथा सुनते हैं और उनकी विधिवत पूजा भी करते हैं। इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति मिलती है। फाल्गुन पूर्णिमा की रात में चंद्र देव की पूजा की जाती है और अर्घ्य दी जाती है। ऐसा करने से जातक के कुंडली में व्याप्त चंद्र दोष दूर हो जाता है। फाल्गुन पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी की भी विधि-विधान से पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी की मनपसंद भोग अर्पित करते हैं। इस तरह से पूजा करने से माता लक्ष्मी अपने भक्तों को धन-वैभव और सुख रहने का आशीर्वाद देती हैं।
डिस्क्लेमर: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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