पितृ दोष से मुक्ति पाने के चमत्कारी उपाय, आप भी जानें

पितृ दोष से मुक्ति पाने के चमत्कारी उपाय, आप भी जानें
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पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का सबसे अधिक महत्व होता है। क्योंकि काला जीवन में संपन्नता का भी प्रतीक होता है, और शांति का भी प्रतीक होता है। भले ही तिल को लोग शनिदिव से जोड़कर देखते हैं लेकिन अगर आपको जीवन में शांति और संपन्नता चाहिए तो जीवन में समय-समय पर काले तिल के उपाय किए ही जाते हैं। और काले तिल के उपायों का खासकर पितृ पक्ष में विशेष महत्व होता है।ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पांच खास विशेष उपायों में से कोई भी एक उपाय कर लें तो पितृ दोष समाप्त हो जाता है। और पितृ देवों का अशीर्वाद भी मिलता है। तो आइए आप भी जाने उन उपायों के बारे में जरुरी बातें।

पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का सबसे अधिक महत्व होता है। क्योंकि काला जीवन में संपन्नता का भी प्रतीक होता है, और शांति का भी प्रतीक होता है। भले ही तिल को लोग शनिदिव से जोड़कर देखते हैं लेकिन अगर आपको जीवन में शांति और संपन्नता चाहिए तो जीवन में समय-समय पर काले तिल के उपाय किए ही जाते हैं। और काले तिल के उपायों का खासकर पितृ पक्ष में विशेष महत्व होता है।ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में पांच खास विशेष उपायों में से कोई भी एक उपाय कर लें तो पितृ दोष समाप्त हो जाता है। और पितृ देवों का अशीर्वाद भी मिलता है। तो आइए आप भी जाने उन उपायों के बारे में जरुरी बातें।

दिन का आठवां पहर जिसे हम पुतक बेला कहते हैं। यानि की दोपहर में पितृदेव पृथ्वी लोक पर आपके द्वारा लगाये गए भोग को ग्रहण करने आते हैं।

सबसे पहले आपको जल में खड़े होकर दोनों हाथों से अंजलि बनाकर और अंजलि में जल भर श्रद्धा से पितृों को अर्पित करना चाहिए। यह उपाय सर्वोत्तम होता है। हालांकि पितृ पक्ष के दौरान पूरे 16 दिन तक आप एक लोटा जल में काला तिल मिलाकर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालें तो पितृों की आत्मा को शांति भी मिलती है। और पितृ पक्ष में यह उपाय करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता भी मिलती है। और जीवन से सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं। और आपका पितृ दोष भी समाप्त हो जाता है। ऐसी हिन्दू धर्म शास्त्रों में मान्यता है।

पितृों को श्रद्धा अनुसार आपके घर में जो भी भोजन बनता है, उसमें से थोड़ा सा भोजन निकाल कर पितृों के नाम की आहूति लगाएं, और भोजन पितृों को अर्पित करें। यानि की आप पितृ पक्ष के दौरान अपने पितृों का ध्यान करते हुए भोजन में से थोड़ा सा किनका निकाल कर सब्जी आदि जो भी भोजन आपके घर में बना है उस सारे भोजन में थोड़ा-थोड़ा लगाकर आग यानि चूल्हे या गैस जिस पर भी भोजन बन रहा है उसमें डाल दें, धर्मशास्त्रों के अनुसार इस क्रिया को अगयारा कहा जाता है। नियमित रुप से आपको यह कार्य पूरे पितृ पक्ष करना चाहिए। इससे थोड़े ही प्रयास में आपके द्वारा पितृों का भोग लग जाता है। और आपके पितृ प्रसन्न होते हैं। और आपके पितृ देव संतुष्ट हो जाते हैं। और आपको उनका आशीर्वाद मिलता है। आपके पितृ दोष समाप्त हो जाते हैं। और आपके रूके हुए कार्य बनने लग जाते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान आप नियमित रूप से हवन भी कर सकते हैं। यानि कि हवन सामग्री आप गाय के गोबर के उपलों के साथ जला सकते हैं और अपने पितृों को याद कर सकते हैं। ऐसा करने से भी पितृदेव संतुष्ट होते हैं।

ज्योतिष में शानि और राहु से काली उड़द का संबंध माना जाता है। और पितृों को सबसे ज्यादा काले उड़द ही अर्पित किए जाते हैं। पितृ पक्ष के दौरान आप काली उड़द के बड़े बनाकर गरीबों में दान कर सकते हैं। अथवा कुत्ते को भी खिला सकते हैं। अगर आप भगवान भैरव को साक्षी मानकर काले कुत्ते को भी काली उड़द से बनाया गया भोजन नियमित रूप से अर्पित करते हैं तो इससे आपका पितृ दोष समाप्त होता है। और पितृदेवों को तृप्ति मिलती है।

कई बार आपको अनजाना सा डर लगता है, कई बार रात को आप सपने में पितृ देव दिखाई देते हैं। कभी-कभी आपको ऐसा आभास होता है कि आपके पीछे कोई खड़ा है। यह आभास हालांकि क्रत्रिम नहीं होता है। ऐसा कई लोगों के साथ अकसर होता रहता है। परन्तु यह थोड़ासा उपाय करने से ठीक हो जाता है। ऐसा होने पर कई बार आपके पितृ देव आपको सही मार्ग भी दिखाते हैं। और कभी-कभी कुछ चीजों को बेहतर करने में आपके पितृदेव आपकी मदद भी करते हैं। अगर आपको ऐसा होने पर डर लगता हो तो आप एक चुटकी साबुत काली उड़द पितृ पक्ष में प्रतिदिन पीपल के पेड़ की जड़ में रखें। और इसके साथ ही अपने माथे पर दही सिन्दूर का टीका लगाएं। ऐसा करने से आपके पितृदेव प्रसन्न हो जाएंगे, और आपका डर गायब हो जाएगा। तथा आपको पितृों का आशीर्वाद मिलेगा। और इसके बाद आपके पितृ खुश होकर अपने लोक को चले जाएंगे।

आप पितृ पक्ष के दौरान काले तिल का दान करते हैं तो अज्ञात बाधा आपसे दूर हो जाएंगी। आपकी परेशानियां खत्म हो जाएंगी। और ऐसा करने से भी आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है। और आपके पितृों को तृप्ति और शांति प्राप्त होती है। इसके अलावा आप चाहे तो पीपल के पेड़ की जड़ में काला तिल डालकर सरसों के तेल का दीया भी जला सकते हैं, ऐसा करने से भी पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। और पितृदेव प्रसन्न होते हैं।

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