Pitru Paksha 2020 Date : पितृ पक्ष 2020 में कब है, जानिए श्राद्ध लिस्ट,महत्व और श्राद्ध विधि

Pitru Paksha 2020 Date : पितृ पक्ष 2020 में कब है, जानिए श्राद्ध लिस्ट,महत्व और श्राद्ध विधि
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Pitru Paksha 2020 Date : पितृ पक्ष में कब पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म किया जाता है? माना जाता है कि जो व्यक्ति पितृ पक्ष में अपने पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म नहीं करता। उसके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती है तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष 2020 में कब है (Pitru Paksha 2020 Mein Kab Hai),श्राद्ध लिस्ट (Shradh List), पितृ पक्ष का महत्व (Pitru Paksha Ka Mahatva), और श्राद्ध विधि (Shradh Vidhi)

Pitru Paksha 2020 Date : पितृ पक्ष (Pitru Paksha) वह समय होता है जब हमारे पूर्वज धरती होते हैं और हम श्राद्ध कर्म (Shradh Karma) करके उनका आर्शीवाद प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि यदि हमारे पितृ नाराज हो जाते हैं तो देवी देवता भी नाराज हो जाते हैं और जीवन में कई प्रकार के संकट हमें घेर लेते हैं तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष 2020 में कब है, श्राद्ध लिस्ट, पितृ पक्ष का महत्व, और श्राद्ध विधि।

पितृ पक्ष 2020 प्रारंभ और समाप्ति तिथि (Pitru Paksha 2020 Start And Ending Date)

पितृ पक्ष प्रारंभ तिथि- 1 सितंबर 2020

पितृ पक्ष समाप्ति तिथि -17 सितंबर 2020

पितृ पक्ष 2020 लिस्ट (Pitru Paksha 2020 List)

पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) – 1 सितंबर 2020

दूसरा श्राद्ध -2 सितंबर 2020

तीसरा श्राद्ध -3 सितंबर 2020

चौथा श्राद्ध -4 सितंबर 2020

पांचवा श्राद्ध -5 सितंबर 2020

छठा श्राद्ध - 6 सितंबर 2020

सांतवा श्राद्ध -7 सितंबर 2020

आंठवा श्राद्ध -8 सितंबर 2020

नवां श्राद्ध- 9 सितंबर 2020

दसवां श्राद्ध -10 सितंबर 2020

ग्यारहवां श्राद्ध -11 सितंबर 2020

बारहवां श्राद्ध-12 सितंबर 2020

तेरहवां श्राद्ध -13 सितंबर 2020

चौदहवां श्राद्ध -14 सितंबर 2020

पंद्रहवां श्राद्ध –15 सितंबर 2020

सौलवां श्राद्ध - 16 सितंबर 2020

सत्रहवां श्राद्ध -17 सितंबर 2020 (सर्वपितृ अमावस्या)

पितृ पक्ष का महत्व (Pitru Paksha Importance)

शास्त्रों के अनुसार किसी भी जातक कोई भी काम करने से पहले अपने पूर्वजों का आर्शीवाद अवश्य लेना चाहिए। माना जाता है कि जिस घर के पितृ अपने परिवार के लोग से खुश रहते हैं उस घर के लोगो को देवी देवताओं का आर्शीवाद भी प्राप्त होता रहता है। हमारे देश में बुजुर्गों को भगवान के बराबर महत्व दिया जाता है। इसी कारण से उनके मरणोपरांत उनका श्राद्ध कर्म किया जाता है।

गरूड़ पुराण के अनुसार जब तक पितरों का तर्पण नहीं किया जाता।तब तक उन्हें पितृ लोक में जगह नहीं मिलती और उनकी आत्मा निरंतर भटकती रहती है। ज्योतिष के अनुसार भी जिन लोगों को पितृ उनसे प्रसन्न नहीं होते उन्हें पितृ दोष का श्राप मिलता है और जिस भी घर में पितृ दोष का श्राप लगता है उस घर के सदस्य कभी भी सुखी नहीं रहते और न हीं वह जीवन में सफलता को प्राप्त करते। इसी कारण से पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण किया जाता है और उनसे श्रमा याचना की जाती है।

पितृ पक्ष श्राद्ध विधि (Pitru Paksha Shradh Vidhi)

1. श्राद्ध कर्म के दिन साधक को सुबह जल्दी उठना चाहिए और बिना सिले वस्त्र धारण करने चाहिए। श्राद्ध में तिल, चावल और जौ को विशेष रूप से सम्मिलित करें।

2. इसके बाद अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनवाएं और तिल उन्हें अर्पित करें।

3. तिल अर्पित करने के बाद पितरों के भोजन की पिंडी बनाकर उन्हें अर्पित करें।

4.इसके बाद अपने भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें

5.अंत में कौओं को भोजन अवश्य कराएं। क्योंकि पितृ पक्ष में कौए को पितरों का रूप माना जाता है।

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