Pitru Paksha 2020 Date : कोरोना काल में आपके किसी परिजन का हुआ है निधन तो इस दिन करें उनका श्राद्ध

Pitru Paksha 2020 Date : कोरोना काल में आपके किसी परिजन का हुआ है निधन तो इस दिन करें उनका श्राद्ध
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Pitru Paksha 2020 Date : कोरोना काल (Corona Period) पूरे विश्व में संकट बनकर सामने आया है। ऐसे में कई लोगो की मृत्यु भी हो चुकी है। यदि आपके भी परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु इस कोरोना काल में हुई है लेकिन आपको अपने उस व्यक्ति की मृत्यु तिथि के बारे में नहीं पता है और आप पितृ पक्ष में उसका श्राद्ध (Shradh) करना चाहते हैं तो आप इस तिथि पर उसका श्राद्ध कर सकते हैं।

Pitru Paksha 2020 Date : पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में प्रत्येक तिथि बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि आपको अपने परिवार के किस सदस्य का श्राद्ध कब करना है यह आप तिथि के अनुसार ही जान सकते हैं। लेकिन यदि आपके परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु कोरोना काल में हुई है तो आप उसका श्राद्ध किस दिन करेंगे। यदि आप भी इस समस्या सें परेशान हैं तो हम आपको बताएंगे कि आप अपने उस परिवार के सदस्य का श्राद्ध किस तिथि (Shradh Tithi) पर कर सकते हैं।

कोरोना काल में मृत व्यक्ति के श्राद्ध का दिन (Corona Kaal Mein Mrit Vyakti Ke Shardh Ka Din)

कोरोना साल 2020 में एक ऐसी महामारी बनकर सामने आई है। जिसमें कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना के इस काल में जो भी लोग मृत्यु को प्राप्त हुए हैं। उन्हें न तो उनके परिवार के लोग मुखाग्नि दे पाए और न हीं किसी प्रकार का अंतिम संस्कार कर पाएं। कई लोगो को तो यह तक नहीं पता है कि उनके परिवार के व्यक्ति को अग्नि कब दी गई। जिसकी वजह से उनके लिए सामने यह समस्या आकर खड़ी हो गई कि वह अपने परिवार के मृत व्यक्ति का श्राद्ध किस दिन करें।

शास्त्रों के अनुसार वैसे तो जिस दिन व्यक्ति को मुखाग्नि दी जाती है उसी तिथि को ही उसका श्राद्ध किया जाता है। लेकिन यदि आपको नहीं पता है कि आपके परिवार को व्यक्ति को इस कोरोना काल में कब मुखाग्नि दी गई है तो आप उसका श्राद्ध सर्वपितृ अमावस्या के दिन कर सकते हैं। शास्त्रों में ऐसा वर्णित है कि सर्व पितृ अमावास्या के दिन सभी पित्तरों का श्राद्ध किया जा सकता है। चाहें आप उनके बारे में कुछ जानते हों या फिर न जानते हों।

आपको इस दिन अपने परिवार के मृत व्यक्ति का श्राद्ध तो करना ही चाहिए साथ ही आपको इस दिन चावल और मूंग की छिलके वाली दाल अपने सामर्थ्य के अनुसार किसी निर्धन व्यक्ति या ब्राह्मण को अवश्य ही दान में देनी चाहिए। इसके साथ ही आपको अपने पूरे परिवार के साथ गायत्री मंत्र का हवन 108 आहूति के साथ अवश्य करना चाहिए। इस हवन सामग्री में काले तिल और जौं अवश्य ही होने चाहिए।

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