Pitru Paksha In 2020 : जानिए क्या है पितृ पक्ष में कौवों का महत्व

Pitru Paksha In 2020 : हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। क्योंकि यह वह समय होता है जब हमारे पितृ (Pitru) धरती पर उपस्थित रहते हैं। इस समय में पित्तरों का श्राद्ध और पित्तरों का तर्पण (Pitru Tarpan) करने के साथ- साथ कौवों को भी भोजन कराया जाता है। लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है आइए जानते हैं...
पितृ पक्ष में कौवों का महत्व (Pitru Paksha Mein Kowo Ka Mahatva)
पित्तर पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध और उनका तर्पण करना बहुत ही आवश्यक माना जाता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा नहीं करता तो उसे पित्तरों का श्राप लगता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध करने के बाद जितना जरूरी भांजे और ब्राह्मण को भोजन कराना होता है। उतना ही जरूरी कौवों को भोजन कराना होता है। माना जाता है कि कौवे इस समय में हमारे पित्तरों का रूप धारण करके पृथ्वीं पर उपस्थित रहते हैं।
यह वह समय होता है जब पितृ पित्तर लोक से कौवे के रूप में धरती पर आकर श्राद्ध का भोजन ग्रहण करते हैं। पितृ कौवे का रूप उस समय पर धारण करके घर पर आते हैं। जिस दिन उनका श्राद्ध होता है। दोपहर के समय पर कौवे श्राद्ध का भोजन ग्रहण करने के लिए आते हैं और यदि उन्हें इस समय पर भोजन नहीं मिलता तो कौवे के रूप में उपस्थित पितृगण नाराज होकर वहां से चले जाते हैं और साथ ही वह उस घर के लोगो को श्राप भी दे जाते हैं।
इसी कारण से श्राद्ध पक्ष में कौवों को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है और उन्हें भोजन कराया जाता है। इस समय में कौवों को न तो मारा जाता है और न हीं किसी भी रूप से सताया जाता है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसे पित्तरों के श्राप के साथ- साथ अन्य देवी देवताओं के क्रोध का भी सामना करना पड़ता है और उन्हें जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार की कोई सुख और शांति प्राप्ति नहीं होती। इसी कारण से पितृ पक्ष में कौवों का बहुत अधिक महत्व होता है।
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