Pradosh Vrat 2021: साल 2021 का अंतिम प्रदोष व्रत कब है, जानें सहीं तारीख, सांयकाल पूजा का मुहूर्त और महाउपाय

Pradosh Vrat 2021: प्रत्येक माह के दोनों पक्षों शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाने वाला व्रत प्रदोष व्रत होता है और यह व्रत भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। वहीं इस व्रत को त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है, इस दिन भगवान शिव का पूजन प्रदोष काल में करना शुभ होता है। वहीं इस समय पौष माह का कृष्ण पक्ष चल रहा है और वहीं यह मास अग्रेजी कैलेंडर का आखिरी माह दिसंबर है। अग्रेजी कैलेंडर के अनुसार पौष कृष्ण प्रदोष व्रत इस साल का आखिरी और शुक्र प्रदोष होगा। तो आइए जानते हैं साल के आखिरी पौष कृष्ण प्रदोष व्रत की शुभ तिथि प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इस दिन किए जाने वाले उपायों के बारे में...
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पौष कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि शुभ मुहूर्त 2021
पौष कृष्ण प्रदोष व्रत तिथि | साल 2021 का आखिरी पौष कृष्ण प्रदोष व्रत 31 दिसंबर, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। |
प्रदोष काल का समय | 31 दिसंबर सांयकाल 05:35 बजे से रात्रि 08:19 बजे तक |
त्रयोदशी तिथि आरंभ | 31 दिसंबर प्रात:काल 10:39 बजे से |
त्रयोदशी तिथि समाप्त | 01 जनवरी 2022 प्रात:काल 07:17 बजे से |
शुक्र प्रदोष पूजा विधि
पौष माह का प्रदोष व्रत सर्वार्थ सिद्धि योग में रखा जाएगा। व्रत के लिहाज से यह काफी शुभ योग और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला योग माना जाता है। इस दिन प्रात: स्नान आदि के बाद पूजास्थल पर गंगाजल का छिड़कांव करें और इसके बाद हाथ में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें। सूर्यास्त के समय पुन: स्नान कर शिव के सामने धूप-दीप जलाकर षोडशोपचार तरीके से पूजन करें और उन्हें उनकी सभी प्रिय वस्तुएं अर्पित करें। इसके बाद प्रदोष व्रत कथा पढ़ें। पूजा के बाद प्रसाद वितरित व्रत का पारण करें। यह शुक्र प्रदोष है और इस व्रत को करने वाले जातक के जीवन में किसी भी चीज का कोई अभाव नहीं रहता है।
शुक्र प्रदोष महाउपाय
- शुक्र प्रदोष के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव का सपरिवार विधिवत पूजन कर उनकी सभी प्रिय चीज उन्हें अर्पित करें।
- शाम के समय महादेव को पंचामृत से स्नान कराकर बिल्व पत्र उन्हें अवश्य अर्पित करें। ऐसा करने से मनोकामना पूरी होती हैं।
- शिवजी की कृपा पाने के लिए शुक्र प्रदोष के दिन स्नान के बाद गुलाबी रंग के कपड़ पहनकर शिव पूजन करें। इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है और जीवन में तरक्की के नए रास्ते खुलते हैं।
- शुक्र प्रदोष के दिन शिवजी को पीले और मां पार्वती को गुलाबी फूल अर्पित करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
मान्यताओं के अनुसार शुक्र प्रदोष सौभाग्य प्रदान करने वाला व्रत माना जाता है। कहते हैं कि शुक्र प्रदोष व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में किसी भी चीज का अभाव नहीं रहता।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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