Pradosh Vrat 2021 : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि कब है और क्या है इसका महत्व, जानें

Pradosh Vrat 2021 : वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि कब है और क्या है इसका महत्व, जानें
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  • Pradosh Vrat 2021 : हर महीने में कृष्ण और शुक्ल दो पक्ष होते हैं। दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत किया जाता है।

Pradosh Vrat 2021 : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक महीने के तीस दिनों को दो पक्षों में बांटा गया है। कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष और इन दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस तरह हर महीने दो प्रदोष व्रत होते हैं। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। शास्त्रों में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व बताया गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है। भगवान शिव को प्रसन्न किए जाने वाले सभी व्रतों में प्रदोष व्रत को अति प्रभावशाली माना जाता है। प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव का आशीर्वाद सदैव बना रहता है। भगवान भोलेनाथ अतिशीघ्र प्रसन्न होने वाले देव माने गए हैं। इन्हें आशुतोष भी कहा जाता है। अर्थात शीघ्र प्रसन्न होकर आशीष देने वाले। ये अपने भक्तों की पुकार को बहुत जल्दी ही सुनते हैं और थोड़े से पूजन और भक्ति से ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। उनकी सारी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।

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प्रदोष व्रत वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 मई 2021, दिन सोमवार को है। सोमवार के दिन त्रयोदशी तिथि पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष कहा जाता है। इस बार प्रदोष व्रत सोमवार के दिन है और सोमवार को भगवान शिव का दिन माना गया है। ऐसे में ये प्रदोष व्रत और भी ज्यादा शुभफलदायी रहेगा। इस दिन भगवान शिव केसाथ माता पार्वती की पूजा का विधान है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

सोम प्रदोष व्रत पर विधि विधान से पूजन करने से भगवान शिव की असीम कृपा बनी रहती है।

मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। संतान प्राप्ति होती है और तमाम मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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