Pradosh Vrat January 2021: परम मंगलकारी साल के पहले प्रदोष व्रत का महत्व, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए करें ये काम

Pradosh Vrat January 2021: प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन किया जाता है। प्रदोष व्रत में शिवपुराण, शिव तांडव स्त्रोत और भगवान शिव के मंत्रों का जप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। तो आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में।
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Pradosh Vrat January 2021: हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है। और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन उनकी और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष के दिन महादेव कैलाश पर्वत के रजत भवन में नृत्य करते हैं और इस दौरान सभी देवी और देवता उनके गुणों का स्तवन करते हैं। प्रदोष व्रत करने से मनुष्य के सभी दोष मिट जाते हैं। नए साल का पहला प्रदोष व्रत 10 जनवरी 2021, दिन रविवार को है। प्रदोष व्रत बहुत मंगलकारी और शिव कृपा प्रदान करने वाला होता है।
प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Pradosh Vrat)
प्रदोष व्रत के दिन भगवान भोलेनाथ और आदि शक्ति माता पार्वती के पूजन का विधान है। प्रदोष व्रत में शिवपुराण और भगवान शंकर के मंत्रों का जप करने से और भगवान शिव की अराधना करने से भक्तों को शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके के सभी दुख दूर हो जाते हैं। प्रदोष व्रत रविवार के दिन पड़ने से इसे रवि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। अगर आप रविप्रदोष व्रत के दिन भगवान सूर्य नारायण को तांबे के लोटे से जल में शक्कर डालकर अर्घ्य देते हैं तो इस उपाय से आपको रोगों से मुक्ति मिलती है। रवि प्रदोष पर शाम के समय प्रदोष काल में भगवान शिव को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से बने पंचामृत से स्नान कराने के बाद शुद्ध जल से स्नान कराकर उनका पूजन करें। इससे आपकी मनोकामना जल्द ही पूरी होती है। प्रदोष व्रत में साबुत चावल की खीर भगवान शिव को जरुर अर्पण करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत की पूजा विधि (Pradosha fast worship method)
- इस दिन सुबह स्नान करने के बाद इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें और भगवान शिव को धूप, दीप दिखाएं।
- भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं।
- मान्यता है कि भगवान शिव त्रयोदशी तिथि के दिन कैलाश पर्वत पर स्थित अपने रजत भवन में नृत्य करते हैं। इस दिन भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। और अपने भक्तों का कल्याण करते हैं।
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