Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत करने से मिलती है सफलता, जानें किस कार्य की सिद्धि के लिए कब से शुरू करें उपवास

Pradosh Vrat : प्रदोष व्रत करने से मिलती है सफलता, जानें किस कार्य की सिद्धि के लिए कब से शुरू करें उपवास
X
Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि तो आती ही है वहीं व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट और दुखों का नाश होता है। भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) प्रदोष व्रत से अति प्रसन्न होते हैं। घर में धन-धान्य की वृद्धि के साथ-साथ उन्नति और तरक्की के सारे रास्ते खुल जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि किस कार्य की सिद्धि हेतु कौन सा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करना चाहिए।

Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि तो आती ही है वहीं व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट और दुखों का नाश होता है। भगवान भोलेनाथ (Lord Bholenath) प्रदोष व्रत से अति प्रसन्न होते हैं। घर में धन-धान्य की वृद्धि के साथ-साथ उन्नति और तरक्की के सारे रास्ते खुल जाते हैं। तो आइए जानते हैं कि किस कार्य की सिद्धि हेतु कौन सा प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) करना चाहिए।

Also Read: Gayatri Mantra : इन मंत्रों का प्रभाव अचूक है, इनके जप से करें देवताओं को प्रसन्न, होगा आपका कल्याण

1. सोम प्रदोष व्रत (Som Pradosh Vrat)

संतान प्राप्ति और सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य आदि की कामना के लिए अथवा जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो या चंद्र दोष हो उन जातकों को सोम प्रदोष के दिन से प्रदोष व्रत की शुरुआत करनी चाहिए।

2. भौम प्रदोष व्रत (Bhoom Pradosh Vrat)

कर्ज से छुटकारा पाने, रोग से निजात पाने के लिए, स्वास्थ्य लाभ के लिए, मनवांछित फल प्राप्ति के लिए, आत्मशक्ति जगाने के लिए, पराक्रम और हौसला बढ़ाने के लिए और मंगल ग्रह को प्रबल करने के लिए भौम प्रदोष व्रत से प्रदोष व्रत की शुरुआत करनी चाहिए।

3. बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat)

शिक्षा में सफलता के लिए, परीक्षा में सफलता के लिए, ज्ञान प्राप्ति के लिए, बुद्धि प्रबल करने के लिए, पढ़ाई में मन लगाने के लिए और बुध ग्रह को प्रबल करने के लिए बुध प्रदोष से प्रदोष व्रत की शुरुआत करनी चाहिए।

4. गुरु प्रदोष व्रत (Guru Pradosh Vrat)

गुरु प्रदोष व्रत शत्रु पर विजय, पितरों की मुक्ति, पितृ दोष से मुक्ति, सफलता प्राप्ति आदि के लिए किया जाता है। इसके अलावा कुंडली में खराब गुरु को ठीक करने के लिए भी गुरु प्रदोष व्रत किया जाता है।

5. शुक्र प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat)

विवाह में रूकावट दूर के लिए, शीघ्र विवाह के लिए, इच्छा बल प्राप्ति के लिए,दांपत्य जीवन की सुख शांति के लिए, सुख समृद्धि के लिए, सौभाग्य प्राप्ति के लिए, पति की दीर्घायु के लिए, धन प्राप्ति के लिए शुक्र प्रदोष व्रत जाता है। इस व्रत के प्रभाव से शुक्र ग्रह भी प्रबल हो जाता है।

6. शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh Vrat)

शनि प्रदोष व्रत आपको शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत से प्रारंभ करना चाहिए। इस व्रत के प्रभाव से खोई वस्तु की प्राप्ति, नौकरी में पदोन्नति,पुत्र प्राप्ति एंव शनि के अशुभ प्रभावों को कम हो जाते हैं। और इस व्रत के प्रभाव से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी मुक्ति मिल जाती है

7. रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Vrat)

रवि प्रदोष व्रत को आयु वृद्धि, स्वस्थ जीवन, मान- सम्मान, यश, सुख समृद्धि, सरकारी लाभ, विजय प्राप्ति और सरकारी नौकरी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। रवि प्रदोष व्रत को करने से अशुभ से अशुभ सूर्य भी शुभ परिणाम देने लगता है। इसके अलावा जिन लोगों की अपने पिता से बिल्कुल भी नहीं बनती हैं। उन्हें यह व्रत अवश्य ही करना चाहिए।

Tags

Next Story