Punjab Assembly Election 2022: चन्नी जी बने रहेंगे पंजाब के मुख्यमंत्री या नहीं, जानें क्या कहते हैं उनके सितारे

Punjab Assembly Election 2022: देश के पांच राज्यों में विधानसभा का बिगुल बज चुका है और वहीं वर्तमान सरकार और विपक्ष के नेताओं ने जनता का अपने पाले में करने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए हैं। वहीं ज्योतिष की दृष्टि से बात करते हैं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बारे में, कि क्या चन्नी जी पंजाब में अपनी पार्टी की नैय्या पार लगा पाएंगे और पंजाब में फिर से सरकार बना पाएंगे या नहीं। क्या वे एक बार फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे या नहीं। आइए जानते हैं आचार्य अभिनव दुबे के अनुसार क्या कहते हैं चन्नी जी के सितारे।
चरणजीत सिंह चन्नी जी का जन्म 01 मार्च 1963 में हुआ, वहीं उनका जन्म समय इंटरनेट पर कहीं भी उपलब्ध नहीं है, इसलिए आचार्य अभिनव दुबे जी को इनकी सूर्य कुंडली बनानी पड़ी।
सूर्य कुंडली के अनुसार हम देख सकते हैं सूर्य गुरु की यूतिजन्म समय का शनि बारहवें भाव में होने से बाहर (अचानक) से ही इन्हें इन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया। सूर्यऔर गुरु की युति जो भी इन्हें सशक्त योग्य राजनेता बनाता है, इन्होंने अपनी बुद्धि कौशल से किस तरीके से सिद्धू आदि अंदरुनी कार्य में बांधा बन रहे शत्रु को किनारे लगाया, यह आप लोग सब जान सकते हैं और अनुभव कर सकते । वहीं चन्नी जी समय-समय पर इसी तरह यह अपनी बुद्धि और विवेक का परिचय देते रहेंगे। परन्तु इनकी कुंडली में 4 घर पर बैठा हुआ उसका चंद्रमा कभी-कभी विपरीत फैसले करवा सकता है।
आचार्य अभिनव दुबे के मुताबिक, क्योंकि वह केवल कमजोर है और केमद्रुम दोष भी बना रहा है कर्म और पराक्रम के स्थान का स्वामी मंगल 6 वें घर में नीच के राशि पर है मंगल का नीच राशि का प्रभाव कम करने के लिए हाथों में मूंगा रत्न भी पहने हैं। उनकी कुंडली में अंगारक दोष भी बना रहा है अर्थात विरोधी पर कड़े फैसले करने और नीति बनाने में ढुलमुल की नीति अपनाएंगे, काम अच्छा करेंगे।
जनता के हित में निर्णय लेंगे, कुंडली में मजबूत शनि, शुक्र और बुध के साथ है। वह एक अच्छा रणनीतिकार हो सकते हैं और विभिन्न रणनीति और युक्तियों से अपने विरोधियों को पराजित करने की क्षमता रखता है, लेकिन इस महत्वपूर्ण युति में केतु भी शामिल है।
यहीं कारण है कि अचानक से वे गलत निर्णय ले लेते हैं और कई बार शुरुआत में ही समस्याएं आ जाती है। उनकी कुंडली में इसके अलावा, चंद्रमा के दोनों ओर कोई ग्रह नहीं है, इसलिए यह डगमगाने या अनिर्णायक कार्यों का कारण बनता है, जो उलटा भी पड़ सकता है।
पंचम भाव का स्वामी बुध और जनता का कारक ग्रह बुध व्यय भाव में होने से जनता के बीच लोकप्रिय नहीं हो पाएंगे। पार्टी में मंगल राहु युति के कारण अंदरूनी कलह बना रहेगा।
वर्तमान तौर पर गोचर अनुसार बात करें तो बृहस्पति का कुंभ राशि में जाना उनके लिए फायदेमंद रहा है, लेकिन आगे शनि का गोचर उनके राजनीतिक जीवन में बड़े बदलाव देगा। बृहस्पति का कुंभ राशि में बने रहना उनके लिए पॉजिटिव रह सकता है।
वर्तमान में शनि उनकी कुंडली में चार बड़े ग्रहों के ऊपर से गुजर रहा है, वहीं राहु का भी चंद्र के ऊपर जाना उनके कुछ सहयोगियों और अन्य बड़े नेताओं के साथ कुछ गंभीर समस्याएं भी पैदा करेगा। पंजाब चुनाव 2022 में उन्हें कुछ अच्छी संख्या में सीटें मिल सकती हैं, लेकिन परिणाम उनकी उम्मीदों के मुताबिक ही रहें, यह मुश्किल है और कि वह दूसरा शपथ लेना मुश्किल है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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