Radhashtami 2020 : राधाष्टमी के अवसर पर क्या करें, क्या ना करें, कैसे लगाएं भाेग, श्रृंगार और पूजन विधि, आप भी जानें

Radhashtami 2020: भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी को राधाष्टमी के नाम से जाना जाता है। भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन ही राधारानी बरसाना गांव में प्रकट हुईं थी। शास्त्रों में इसे राधा प्रकट दिवस के नाम से भी जाना जाता है। राधा जी कन्हैया जी से 15 दिन बाद प्रकट हुई थी। भाद्रपद मास की कष्ण पक्ष की अष्टमी को कन्हैया जी का जन्मदिन मनाया जाता है। जिसे हम जन्माष्टमी के नाम से जानते हैं। राधा जी के पिता का नाम बृषभान और माता का नाम कीर्ति था। राधारानी को सजाना उनका श्रृंगार करना कान्हा जी से थोड़ा कठिन काम है। क्योंकि राधारानी को तो पूरे सोलह श्रृंगार करने होते हैं। सोलह श्रृंगार करने के बाद राधारानी अपने भक्तों को बहुत प्यारी लगती हैं। तो आइए जानें राधारानी की पूजन की विधि के बारे में हमें क्या-क्या करना है।
राधारानी के पूजन की विधि
1. राधाष्टमी के दिन हमें राधारानी की बालस्वरुप प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराना चाहिए। राधा जी के साथ-साथ बाल लड्डू गोपाल को भी पंचामृत से स्नान कराना आश्यक है।
2. अगर आपके पास युगल सरकार हैं तो आप उनको भी पंचामृत से स्नान करवाएं। और उसके बाद उनका श्रृंगार करें।
3. इस दिन श्रीराधारानी और लड्डू गोपाल को नए वस्त्र-आभूषण आदि सोलह श्रृंगार का सामान खरीद कर उनका श्रृंगार करें।
4. राधारानी और कन्हैया जी का श्रृंगार करने के बाद एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। और उस पर चावल से अष्ट दल कमल बना लें। और उसी अष्ट दल कमल के बीच श्रीराधारानी और कन्हैया जी की स्थापना करें।
5. इसके बाद पूजन स्थल पर कलश की विधिवत् स्थापना करें। पूजन को सपन्न करने के लिए कलश की स्थापना प्रत्येक पूजा में जरुर करनी चाहिए।
6. कलश स्थापना के बाद भगवान श्रीगणेश का पूजन करें। और दिन भर घर में भजन-कीर्तिन करते रहें।
7. इसके बाद श्रीराधारानी और कन्हैया जी का धूप, दीप, रोली, कलावा, अक्षत और मिठाई आदि से पूजन करें।
8. राधारानी और कन्हैया जी को चंदन-कुमकुम आदि भी लगाएं।
9. पुष्प माला आदि से विधिवत् पूजन कीजिए।
राधारानी का भोग
1. राधारानी और कन्हैया जी को अरबी बहुत प्रिय है। इस दिन उन्हें अरबी की सब्जी या अरबी से बनी मिठाई आदि का भोग 56 प्रकार के व्यंजनों के साथ या अपनी क्षमता के अनुसार लगाया जाता है।
2. राधारानी और कन्हैया जी के लिए पान का भोग जरुर लगाएं।
राधाष्टमी के दिन क्या करें
1. राधाष्टमी के अवसर पर दिन में श्रीराधारानी और कन्हैया जी की कथाएं सुनें। और रात को इनके नाम का अपने घर में जागरण-कीर्तिन आदि करें।
2. राधाष्टमी के दिन दंपति को व्रत अवश्य रखना चाहिए। अगर किसी कारण वश व्रत नहीं रख पाते हैं तो पूरे मन से उनका पूजन करें।
3. इस दिन राधारानी के लिए तुलसी का पत्ता अवश्य अर्पित करें।
राधाष्टमी के दिन क्या ना करें
1. इस दिन प्रसाद में अरबी की सब्जी बनाना ना भूलें।
2. राधा और कृष्ण एक ही स्वरुप के दो नाम हैं, इसलिए इनका पूजन अलग-अलग ना करें। बल्कि एक साथ ही दोनों का पूजन करें।
3. इस दिन भूल से भी राधाजी और कन्हैया जी का अपमान ना करें।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS