Astrology Rain Forecast: ग्रहाचार की गणना से ज्योतिष ने लगया अनुमान, जानें कब होगी अच्छी बारिश

Astrology Rain Forecast: ग्रहाचार की गणना से ज्योतिष ने लगया अनुमान, जानें कब होगी अच्छी बारिश
X
Astrology Rain Forecast: आज के तकनीकी युग में सेटेलाइट के माध्यम से मौसम के बारे में सारी जानकारी बेहद ही आसानी से मिल जाती है, लेकिन पहले के समय में जब ये तकनीक नहीं होती थी, तो ग्रहाचार की गणना कर मौसम के बारे में लगभग सटीक अंदाजा लगाया जाता था। तो आज इस खबर में जानेंगे ग्रहाचार की गणना से कैसे मानसून का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

Astrology Rain Forecast: देश में भीषण गर्मी के कारण सारे लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। अब हर किसी को बारिश का इंतजार है। जनमानस भी तपिश से व्याकुल होकर अब पावस ऋतु की बाट जोह रहे हैं। मौसम जानकारों द्वारा वर्षा ऋतु के आगमन व मानसून की भविष्यवाणी की जा रही है। आज के तकनीकी युग में सेटेलाइट के माध्यम से मौसम के बारे में सारी जानकारी बेहद ही आसानी से मिल जाती है, लेकिन पहले के समय में जब ये तकनीक नहीं होती थी, तो ग्रहाचार की गणना कर मौसम के बारे में लगभग सटीक अंदाजा लगा जाता था। तो आज इस खबर में जानेंगे ग्रहाचार की गणना से कैसे मानसून का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नौ ग्रहों की अपनी एक नैसर्गिक प्रकृति होती है, जिसके आधार पर उन नवग्रहों को सौम्य या क्रूर ग्रहों की संज्ञा दी जाती है। इस प्रकार पंचांग में नक्षत्र विराजमान के आधार पर सात प्रकार की नाड़ियों के बारे में उल्लेख किया गया है। ये सात नाड़िया इस प्रकार हैं- चण्डा, समीरा, दहना, सौम्या, नीरा, जला और अमृता।

ये भी पढ़ें- किस्मत बदलने में कारगर होता है बारिश का पानी, जानें इसके चमत्कारी उपाय

शास्त्रों के अनुसार, इन सभी नाड़ियों का एक प्रतिनिधि ग्रह होता है, जो इस प्रकार है- शनि, सूर्य, मंगल, गुरु, शुक्र, बुध और चंद्र। ऐसा कहा जाता है कि चण्डा, समीरा व दहना निर्जल नाड़ियां हैं। वहीं, नीरा, जला व अमृता सजल नाड़ियां हैं। इसके साथ ही जो सौम्या नाड़ी है वह मध्य नाड़ी होती है।

ऐसी मान्यता है कि जब सौम्य या क्रूर ग्रह सजल नाड़ियों के नक्षत्र में स्थित होता है, तब बरसात होने की पूर्ण संभावनाएं होती है। वहीं, तीन या उससे अधिक ग्रह सजल नाड़ियों के नक्षत्र में स्थित होते हैं। तब उस समय अतिवृष्टि होती है। अभी वर्तमान में सूर्य-आर्द्रा नक्षत्र में स्थित हैं, जो कि मध्य नाड़ी के अंतर्गत आता है। इसके साथ ही सजल नाड़ी के अंतर्गत मंगल आश्लेषा नक्षत्र भी आता है। वहीं, सौम्य ग्रह शुक्र-आश्लेषा, चंद्र-उत्तराफाल्गुनी और बुध-मृगशिरा विराजमान है।

हो सकती है 4 जुलाई से अच्छी बारिश

ज्योतिष शास्त्रों के पूर्वानुमान के अनुसार, 4 जुलाई से सूर्य-पुनर्वसु-नीरा (सजल), मंगल-माघा-अमृता (सजल), बुध-पुष्य-जला (सजल), शुक्र-माघा-अमृता (सजल), शनि-शतभिशा-जला (सजल), राहु-अश्विन-समीरा (निर्जला) और केतु-चित्रा-दहला (निर्जला) नाड़ी के अंतर्गत स्थित होंगे। इससे स्पष्ट होता है कि 4 जुलाई, 2023 के बाद 5 ग्रह सजल नाड़ियों में स्थित होंगे। अत: इन सभी ग्रह की स्थिति के परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 2023 के बाद देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर पूरे देश में अच्छी बारिश होने की संभावना है।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Tags

Next Story