Raksha Bandhan 2020 August:रक्षाबंधन पर 29 साल बाद बना अद्भुत संयोग, भाई बहन दोनो को मिलेगा दीर्घायु और सुख समृद्धि का वरदान

Raksha Bandhan 2020 August: रक्षाबंधन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा (Shravan Purnima) तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर रखी बांधकर उनसे जीवनभर रक्षा का वचन मांगती है। यदि इस बार के रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) की बात करें तो इस साल कई ऐसे शुभ संयोग बन रहे हैं जिनमें बहने अपने भाई को राखी बांध सकती हैं और स्वंय भी सुख और समृद्धि को प्राप्त कर सकती हैं तो चलिए जानते हैं रक्षाबंधन के अद्भुत संयोग।
रक्षाबंधन के संयोग (Raksha Bandhan Ke Sanyog)
इस साल रक्षाबंधन बहुत ही शुभ संयोग में मनाया जाएगा। क्योंकि इस बार रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थसिद्धि योग, आयुष्मान योग दोनो एक साथ पड़ रहे है। इन योगो में सर्वार्थ सिद्धि योग को सुख समृद्धि दिलाने वाला योग तो वहीं आयुष्मान को दीर्घायु दिलाने वाला योग माना जाता है। यदि इन योगो में बहन अपने भाई को राखी बांधती है तो न केवल उनके भाई को बल्कि उन्हें भी दीर्घायु और सुख समृद्धि का आर्शीवाद प्राप्त होगा।रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास में और श्रावण नक्षत्र में मनाया जाता है।
इस दिन श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि होती है। जो श्रावण देवता के पूजन के लिए भी शुभ मानी जाती है। इससे पहले यह अद्भुत संयोग 1991 में बना था। जिसमें वार, तिथि, योग और नक्षत्र इसी प्रकार के थे। इतना ही नहीं इस बार रक्षाबंधन सोमवार के दिन मनाया जाएगा। जिसमें श्रवण नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि जैसे योग विद्यमान रहेंगे। वहीं इस दिन प्रीति योग भी बन रहा है। यदि चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा सुबह 7 बजकर 19 मिनट तक उतराषाढ़ा नक्षत्र में रहेगा और इसके बाद श्रवण नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा।
चंद्रमा श्रवण नक्षत्र में अगले दिन सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसी कारण से इस बार रक्षाबंधन पर शुभ फलों की अधिकता रहेगी और पापत्व की कमीं होगी और भाई और बहन दोनो को ही इस रक्षाबंधन का पूर्ण लाभ प्राप्त होगा।
अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि वेला में राखी (Abhijit Muhurat or Godhuli Vela Mai Rakhi)
शास्त्रों के अनुसार अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि वेला का भी विशेष महत्व बताया गया है। इसी कारण से इस बार रक्षाबंधन पर इन दोनों मुहूर्त में भी राखी बांधी जा सकती है। अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत 3 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर होगी तो वहीं शाम को 5 बजकर 30 मिनट पर गोधूलि वेला का प्रारंभ हो जाएगा। इस समय में भी बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकेंगी।
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