Raksha Bandhan 2020 Mein Kab Aayega : जानिए रक्षाबंधन पर क्यों लगया जाता है भाई के माथे पर चंदन और चावल का तिलक

Raksha Bandhan 2020 Mein Kab Aayega : रक्षाबंधन का पर्व (Raksha Bandhan Festival) साल 2020 में 3 अगस्त 2020 (3 August 2020) को मनाया जाएगा। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक अवश्य करती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है। चंदन और चावल के तिलक को ही क्यों इतनी महत्वता दी जाती है। अगर नहीं तो हम आपको इसके बारें में आपको संपूर्ण जानकारी देंगे तो चलिए जानते हैं चंदन और चावल के तिलक का रहस्य
तिलक के ऊपर चावल लगाने का रहस्य (Tilak Ke Uper Chawal Lagane Ka Rahasye)
शास्त्रों के अनुसार तिलक को गौरव और सम्मान का प्रतीक माना जाता है तो वहीं चावल को शुभता का प्रतीक माना जाता है। इसलिए प्रत्येक शुभ काम में दोनों का प्रयोग किया जाता है। इतना ही नहीं शास्त्रों मे तो यह भी बताया गया है कि तिलक के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। रक्षाबंधन पर भी बहने अपने भाई को राखी बांधने से पहले उसका तिलक करती हैं और उस पर चावल लगाती है।
लाल चंदन, सफेद चंदन और रोली से तिलक करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। इन चीजों से तिलक करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। लाल चंदन, सफेद चंदन और रोली का प्रयोग प्रत्येक शुभ काम में किया जाता है और जब बहने रक्षाबंधन पर अपने भाई को तिलक करके उस पर अक्षत यानी चावल लगाती है तब ही यह तिलक पूरा माना जाता है। क्योंकि अक्षत का अर्थ ही पूरा होता है।
इसी कारण से बहने अपने भाई को रक्षाबंधन पर तिलक करके उस पर चावल अवश्य लगाती हैं। तिलक को माथे के दोनों भौहों के बीच में किया जाता है। तिलक को विजय, पराक्रम,सम्मान और श्रेष्ठता का प्रतीक माना जाता है। रक्षाबंधन पर तिलक करने के बाद चावल लगाने का महत्व इसलिए भी और भी अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा के दिन पड़ता है।
चावल को चंद्रमा की वस्तु माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक भी माना जाता है। तिलक के ऊपर चावल लगाने से मन और मस्तिष्क दोनों में शांति का वास होता है। कच्चे चावल सकारात्मक ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। इसी कारण से रक्षाबंधन पर तिलक के ऊपर चावल भी लगाए जाते हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS