Rakshabandhan 2022: रक्षाबंधन पर कभी ना बांधें ऐसी राखी, मुसीबत में पड़ सकता है आपका भाई

Rakshabandhan 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन का पावन त्योहार हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि, सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने इस दिन राजा बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया था। इसीलिए इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं, तो वहीं भाई भी इस रक्षा सूत्र का धर्म निभाते हुए बहन की रक्षा का संकल्प लेता है। वहीं शास्त्रों में राखी बांधने के कुछ नियम बताए गए हैं। जिसे हम जानबूझकर या अज्ञानता के कारण नजरंदाज कर देते हैं। तो आइए जानते हैं राखी बांधते समय हमें किन नियमों का पालन करना चाहिए और भूलकर भी कुछ ऐसी गलतियां हैं जिन्हें नहीं करना चाहिए।
रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई में राखी बांधने से पहले ही आरती का थाल जरुर सजा लेना चाहिए और इस थाल में दीपक, रोली, अक्षत और अन्य सभी आवश्यक चीजें रखनी चाहिए। इसके बाद सबसे पहले भगवान गणपति जी और अपने ईष्टदेव को राखी बांधनी चाहिए। इसके बाद आप अपने भाई को राखी बांधें, तथा इसके बाद में अपने भाई की आरती उतारें।
भाई की कलाई पर कभी भी काले रंग का धागा या राखी ना बांधें। साथ ही कभी भाई की कलाई पर टूटी या खंडित राखी ना बांधें। वहीं प्लास्टिक की राखी भी कभी अपने भाई की कलाई पर ना बांधें। शास्त्रों और पौराणिक मान्यताओं की मानें तो अपने भाई की कलाई पर कभी भी कोई अशुभ चिन्ह वाली राखी ना बांधें, क्योंकि यह आप और आपके भाई के लिए अशुभ मानी जाती है।
इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि, रक्षासूत्र तीन रंगों के धागे का ही बना हुआ होना चाहिए। रक्षासूत्र में लाल रंग, पीला रंग और सफेद रंग होना चाहिए।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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