नवरात्रि के नौ दिन ऐसे करें श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ, धन धान्य से भर जाएंगा घर

अगर चैत्र नवरात्रि में आप भी माता की कृपा पाना चाहते हैं तो 9 दिनों तक माता दुर्गा की विशेष स्तुति श्री दुर्गा सप्तशती (sri durga saptami pathsri durga saptami path) का पाठ करें। इससे माता प्रसन्न होती है। इसके साथ ही श्री दुर्गा सप्तशति ग्रंथ भी चारों वेदों की तरह ही एक अनादि ग्रंथ है। इसमें 700 श्लोक शामिल हैं। श्री दुर्गा सप्तशती के तीन भाग में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की महिमा का बखान किया गया है, साथ ही संपूर्ण ग्रंथ में माता की उत्तम महिमा का गान किया गया है। अगर नवरात्रि काल में जो भी भक्त पूरे 9 दिन श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करता है, माता उनकी सभी कामनाएं पूरी कर देती है।
घर पर ऐसे करें मां दुर्गा की पूजा और व्रत
9 दिन सबसे पहले, गणेश पूजन, कलश पूजन,,नवग्रह पूजन और ज्योति पूजन करें। इसके बाद श्रीदुर्गा सप्तशती की पुस्तक लाल कपड़ा का आसन बिछाकर करें।
माथे पर भस्म, चंदन या रोली लगाकर पूर्वाभिमुख होकर तत्व शुद्धि के लिये 4 बार आचमन करें।
एक दिन में पूरा पाठ न करने की स्थिती में केवल मध्यम चरित्र का और दूसरे दिन शेष 2 चरित्र का पाठ कर सकते हैं। वहीं एक दिन में पाठ न कर पाने पर इसे दो दो एक और दो अध्यायों को क्रम से सात दिन में पूरा करें।
श्रीदुर्गा सप्तशती में श्रीदेव्यथर्वशीर्षम स्रोत का हर दिन पाठ करने से वाक सिद्धि और मृत्यु पर विजय। श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नवारण मंत्र ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे का पाठ करना जरूरी है।
दुर्गा सप्तशति का हर मंत्र, ब्रह्मा,वशिष्ठ,विश्वामित्र ने शापित किया है। शापोद्धार के बिना, पाठ का फल नहीं मिलता।
संस्कृत में श्रीदुर्गा सप्तशती न पढ़ पायें तो हिंदी में करें पाठ। श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ स्पष्ट उच्चारण में करें लेकिन जो़र से न पढ़ें।
पाठ नित्य के बाद कन्या पूजन करना अनिवार्य है। श्रीदुर्गा सप्तशति का पाठ में कवच, अर्गला, कीलक और तीन रहस्यों को भी सम्मिलत करना चाहिये। दुर्गा सप्तशति के पाठ के बाद क्षमा प्रार्थना ज़रुर करना चाहिये।
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