Chaitra Navratri 2020: दुर्गा अष्टमी पर रात के समय करेंगे यह काम तो जीवन की कठिन से कठिन समस्याएं हो जाएगी खत्म

Chaitra Navratri 2020: दुर्गा अष्टमी पर रात के समय करेंगे यह काम तो जीवन की कठिन से कठिन समस्याएं हो जाएगी खत्म
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चैत्र नवरात्र के दौरान दुर्गा अष्टमी पर रात के समय करेंगे । यह उपाय तो मां सभी सकंटों को हरने के साथ ही भरेंगी। सभी धन धान्य।

वर्ष 2020 में चैत्र नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी 1 अप्रैल दिन बुधवार को है। नवरात्रि पर्व में (Durga Ashtmi) दुर्गा अष्टमी का बहुत बड़ा महत्व होता है। इस दिन पूरे देश में माँ दुर्गा के (Mahagauri) महागौरी रूप की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtmi) की रात को विशेष पूजन की जाती है। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती है और सभी मनोकामना को पूरी करती है। इतना ही नहीं इस पूजा से आपके जीवन में चल रही कठिन समस्याएं और दुर्भाग्य खत्म हो जाता है। इतना ही मां की नजर पडने से घर में धन धान्य के भडार भर जाते हैं।

दुर्गा अष्टमी की रात करें यह अचूक उपाय

दुर्गाष्टमी की रात में किसी प्राचीन दुर्गा मंदिर में जाकर देवी मां के चरणों में 8 कमल के पुष्प चढ़ाने से माता रानी शीघ्र प्रसन्न हो जाती है।

दुर्गा अष्टमी की रात में अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रात 12 बजे गाय के घी का एक दीपक जलाने से सारे दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं।

अष्टमी की रात को अपने घर में या दुर्गा मंदिर में दुर्गाष्टमी का पाठ करने से घर परिवार में सदैव सुख-शांति बनी रहती है।

अष्टमी की रात महागौरी के स्वरूप को दूध से भरी कटोरी में विराजित कर चांदी का सिक्का चढ़ाएं, और दूसरे दिन से उस सिक्के को हमेशा अपनी जेब में रखें। इससे धन आने के स्त्रोत बढ़ने लगेंगे।

दुर्गा अष्टमी को सूर्यास्त के ठीक बाद किसी वेदपाठी ब्राह्मण की कुंवारी कन्या को उसकी पसंद के कपडे दान करें।

रात को एक पान में गुलाब के फूल की 7 पंखुरियां रखकर मां दुर्गा को अर्पित करने से मां लक्ष्मी हमेशा आपके घर में निवास करने लगेगी।

दुर्गा अष्टमी को सूर्यास्त के बाद 11 सुहागिनों महिलाओं को लाल चूड़ियां एवं सिंदूर भेंट करने से पति की आयु लंबी होगी। उन पर आने वाले सभी संकट नष्ट हो जाएंगे।

दुर्गा अष्टमी की रात देवी मंदिर गुपचुप तरीके से माता रानी के सोलह श्रृंगार भेंट करने से जीवन में आने वाली समस्त बाधाएं दूर हो जाएगी।

वहीं दुर्गा अष्टमी की रात में लाल कम्बल के आसन पर बैठकर एक हजार बार ऊँ ऐं हृीं क्लीं महागौर्ये नमः का जप करें।

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