बृज में 22 मार्च को लड्डू होली संग शुरू होगा 'रंगों का उत्सव', जानिये किस दिन खेली जाएगी लठ्ठमार और फूलों की होली

बृज में 22 मार्च को लड्डू होली संग शुरू होगा रंगों का उत्सव, जानिये किस दिन खेली जाएगी लठ्ठमार और फूलों की होली
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देश के अन्य हिस्सों में जहां होली केवल एक दिन खेली जाती है, वहीं बृज भूमि पर होली खत्म होने के 2-3 बाद तक रंगों का यह उत्सव जारी रहता है। अगर आप भी बृज के होली उत्सव में शामिल होकर राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन होना चाहते हैं तो चलिए बताते हैं कि किस दिन कौन सी होली खेली जाएगी।

भारत में दीपावली और होली ऐसे त्योहार हैं, जिनका सब बेसब्री से इंतजार करते हैं। दीपावली पर जहां दीप जलाकर आतिशबाजी की जाती है, वहीं होली रंग गुलाल उड़ाकर आपसी गिले शिकवे दूर करने का त्योहार है। इस बार होली 29 मार्च की है, लेकिन मथुरा वृंदावन की बात की जाए तो यहां दो दिन बाद ही होली उत्सव शुरू हो जाएगा।

ब्रजभूमि मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल और बरसाना की होली तो केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर है। यही कारण है कि यहां पर होली मनाने विदेशों से भी अच्छी खासी संख्या में लोग पहुंचते हैं। देश के अन्य हिस्सों में जहां होली केवल एक दिन खेली जाती है, वहीं बृज भूमि पर होली खत्म होने के 2-3 बाद तक रंगों का यह उत्सव जारी रहता है। अगर आप भी बृज के होली उत्सव में शामिल होकर राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन होना चाहते हैं तो बता दें कि यहां पर अलग-अलग दिन अलग-अलग तरीके से होली मनाई जाती है। तो चलिए बताते हैं कि किस दिन, कौन सी होली खेली जाएगी।

22 मार्च को लड्डू होली

बरसाना में होली महोत्सव के पहले दिन 22 मार्च को लड्डू होली खेली जाएगी। इस दिन राधा रानी के गांव बरसाना में फाग आमंत्रण के लिए नंद गांव के लोग आएंगे। इसके बाद यहां पर लड्डू से होली खेली जाएगी।

23 और 24 मार्च को लठ्ठमार होली

लड्डू होली के अगले दिन 23 मार्च को बरसाना में ही नंदगांव के ग्वालों संग बरसाना की गोपियां लट्ठमार होली खेलेंगी। यह रिवाज बरसाना एवं नंदगांव में ही है, जिसे देखने के लिए देश और विदेश के लोग हर साल इक्कठा होते हैं। बरसाना के बाद अगले दिन 24 मार्च को नंदगांव में लट्ठमार होली का आयोजन किया जाएगा।

25 मार्च को फूलों और रंगभरनी होली

फूलों की होली और रंगभरनी होली भी दुनियाभर में मशहूर है। 25 मार्च को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान और मथुरा के ही श्रीद्वारकाधीश मंदिर में फूलों की होली खेली जाएगी। इसी दिन वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में रंगभरनी होली का आयोजन किया जाएगा।

26 मार्च को छड़ीमार होली

गोकुल में 26 मार्च को छड़ी मार होली खेली जाएगी। गोलुक को भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली कहा जाता है। मान्यता है कि कान्हा ने पहली बार रंग यही खेला था। छड़ी मार होली की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसके लिए द्वापर युग की कृष्ण लीला को झांकियों में सजाया जा रहा है।

27 मार्च को गुलाल की होली

वृंदावन में 27 मार्च को अबीर और गुलाल का रंग चढ़ेगा। इस दिन वृंदावन में रहने वाली विधवाएं रंगों वाली होली खेलेंगी। मथुरा के मैत्री आश्रम में रहने वाली विधवाएं भी जमकर होली खेलती हैं।

28 को होलिका दहन

होली से ठीक एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। बांके बिहारी मंदिर वृंदावन में होलिका दहन किया जाएगा। इसी दिन दोपहर को श्रीद्वारिकाधीश मंदिर से ठाकुर द्वारकाधीश का डोला निकाला गया। ठाकुर जी का डोला कई स्थानों से होकर गुजरेगा। इसमें झांकियां भी दिखाई देंगी। होली के गीतों पर थिरकते भक्त जमकर गुलाल उड़ाएंगे।

29 मार्च को रंगों वाली होली

श्रीद्वारिकाधीश मंदिर में टेसू के फूल और अबीर गुलाल से होली खेली जाएगी, वहीं मथुरा और वृंदावन समेत देशभर में अबीर-गुलाल से रंग वाली होली खेली जाएगी।

30 मार्च को दाऊजी का हुरंगा

दाऊजी का हुरंगा मथुरा के प्रसिद्ध ग्राम बल्देव में स्थित दाऊजी मंदिर में आयोजित होता है। श्रीकृष्ण के बड़े भाई दाऊजी (बलराम) के सान्निध्य में होने वाला हुरंगा की शुरुआत दोपहर बारह बजे से होती है। ग्वालों का समूह अपने नायक बलराम को हुरंगा खेलने का आमंत्रण देता है। इसके बाद मंदिर में हुरंगा अपने रूप को धारण करता है। गोपियां वस्त्रों के कोड़े बनाती हैं और फिर ग्वालों के समूह पर कोड़ों से वार करती है। इस दौरान खूब अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है।

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित है। इन पर अमल करने से पहले अपने स्तर पर भी पुष्टि कर लें।)

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