Pitra Dosh: पितृ दोष क्या है, जानें इसके लक्षण और अशुभ प्रभावों से बचने के उपाय

सनातन परंपरा के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान पितरों की पूजा, आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, दान, पिंडदान, तर्पण करके उनका आशीर्वाद प्राप्त होता। इस साल पितृ पक्ष 10 सितंबर 2022 से शुरू हो रही हैं जोकि 25 सितंबर तक रहेगी। यह समय पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी सर्वथा उपयोगी माना जाता है। तो चलिए यहां जानते है पितृ दोष क्या है, क्या है इसके लक्षण, क्या है इसके अशुभ प्रभावों से बचने के उपाय....
पितृ दोष क्या है
धार्मिक मान्यता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार न किया गया हो तो इससे परिवार के लोगों को कई पीढ़ियों तक पितृदोष का दंश झेलना पड़ता है। पितृ दोष के कारण जीवन में समस्याओं का सिलसिला लगातार जारी रहता है। इस दोष के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए जीवन भर उपाय करने पड़ते है।
क्या है पितृदोष के लक्षण
- पितृ दोष होने पर लगातार परिवार में किसी न किसी के साथ दुर्घटना होता रहता है।
- पितृ दोष होने पर जीवन में संतान सुख नहीं मिल पाता है।
- परिवार में लड़ाई झगड़े होते हैं, शांति का अभाव होता है।
- पितृ दोष होने पर परिवार में कोई व्यक्ति सदैव अस्वस्थ रहता है, इलाज में अधिक खर्च करने के बाद भी वह ठीक नहीं हो पाता है।
- पितृदोष होने पर मांगलिक कार्यों में बाधाएं आती हैं।
- पितृदोष होने पर परिवार के किसी सदस्य पर प्रेत बाधा का प्रभाव बना रहता है। जिससे घर की शांति भंग हो जाती है।
- व्यवसाय व नौकरी कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी लाभ नहीं मिलता।
पितृदोष को दूर करने के उपाय
- पितृदोष को दूर करने के लिए पितृ पक्ष के दिनों पीपल और बरगद के पेड़ की नियमित पूजा करें।
- पितृ पक्ष में अपने पितरों को पंचबली भोग जरूर लगाएं। पंचबली के तहत गाय, कौआ, कुत्ता,देव, और चींटी के लिए भोग रखा जाता है। ऐसा करने से पितृ दोष कम होता है।
- पितृ पक्ष के दिनों में नियमित रूप से पितरों के नाम पर सुबह-शाम कपूर और घी के दीपक जलाएं।
- पितृ पक्ष में अपने घर के दिवंगत महिला और पुरुष के श्राद्ध तिथि के दिन ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं।
- अगर आपको पितृदोष के लक्षण दिखते है तो अपने पूर्वजों की तस्वीर घर की दक्षिण दिशा में लगाएं। और किसी शुभ कार्य को करने से पहले पितरों का आर्शीवाद जरूर लें।
- पितृदोष दूर करने के लिए कन्या के विवाह मदद करने से भी आपको लाभ होगा।
- पितरों के देव अर्यमा है, जिन्हें पितृ पक्ष के दौरान जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ दोष कुंडली से दूर हो जाता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)
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