Ratana Jyotish: ये लोग करें पुखराज रत्न धारण, फिर देखें चमत्कार

Ratana Jyotish: ये लोग करें पुखराज रत्न धारण, फिर देखें चमत्कार
X
Ratana Jyotish:ज्योतिष के अनुसार, जातक के जन्म का समय, दिन और स्थान के अनुसार उसके भविष्य की परिकल्पना की जाती है। वहीं जन्मकुंडली में मौजूद पाप ग्रह और उनकी मुक्ति तथा उन पाप ग्रहों का जातक के जीवन में क्या प्रभाव हो सकता है अथवा किसी शक्तिशाली ग्रह की शक्ति में वृद्धि के लिए रत्न धारण किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि पुखराज रत्न किस राशि के जातकों को धारण करना चाहिए।

Ratana Jyotish:ज्योतिष के अनुसार, जातक के जन्म का समय, दिन और स्थान के अनुसार उसके भविष्य की परिकल्पना की जाती है। वहीं जन्मकुंडली में मौजूद पाप ग्रह और उनकी मुक्ति तथा उन पाप ग्रहों का जातक के जीवन में क्या प्रभाव हो सकता है अथवा किसी शक्तिशाली ग्रह की शक्ति में वृद्धि के लिए रत्न धारण किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि पुखराज रत्न किस राशि के जातकों को धारण करना चाहिए।

ये भी पढ़ें: Jyotish Shastra: पंचमहापुरुष योगों में से एक है भद्र योग, जानिए कब बनता है कुंडली में ये संयोग और क्या है इसके फायदे

मेष राशि

मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह है और मंगल और गुरु के बीच अच्छे संबंध हैं। साथ ही गुरु का मेष राशि के नौवें और बारहवें भाव पर भी प्रभाव रहता है जो की भाग्य व्यय एवं शय्या सुख से संबंध रखता है। अत: मेष राशि के जातक गुरु का रत्नस पुखराज पहन सकते हैं। मेष राशि वालों को पुखराज पहनने से अच्छा भाग्य और धन की प्राप्ति हो सकती है।

वृष राशि

वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है और इस ग्रह का गुरु के साथ सामान्यर संबंध होता है। इसके अलावा गुरु, वृष राशि के आठवें और ग्यारहवें भाव का भी स्वामी है। वृषभ राशि के दूसरे, चौथे, पांचवे, नौवे, दसवें और ग्यारहवें भाव में गुरु हो तो उस व्यहक्ति को आर्थिक मजबूती मिलती है। ये जातक पुखराज रत्न पहन सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से जांच परख करके ही पहनना चहिये।

मिथुन राशि

मिथुन राशि का स्वामी बुध है। गुरु और बुध के बीच भी ना ही बहुत अच्छे संबंध है और ना ही बहुत बुरे । गुरु के दूसरे, चौथे, पांचवे, सातवें और आठवें भाव में होने पर जातक को पुखराज रत्नर जरूर धारण करना चाहिए।और गुरु मिथुन राशि के सातवें और दसवें भाव का स्वामी है। इस राशि के जातकों का पुखराज पहनना विवाह में देरी से उबरने में मदद कर सकता है और उपयुक्त साथी ढूंढने में मदद करता है। लेकिन सप्तमेश और मारकेश होने के कारण पुखराज के प्रोलॉग्ड यूज से बचना चहिए।

कर्क राशि

कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा का गुरु के साथ शांत और सौम्यु संबंध है। गुरु के छठे और नौवे भाव में होने पर कर्क राशि वाले व्यंक्ति को पुखराज रत्ने पहनने से पेट, हृदय और श्वास संबंधित रोगों में फायदा होता है। लेकिन गुरु के षष्ठेश यानि अकारक भी होने के कारण गुरु यंत्र के साथ ही पुखराज पहनना चहिये, अन्यथा ये हानि कर सकता है।

सिंह राशि

सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और सूर्य और गुरु में सकारात्मक संबंध होता है। ये दोनों एक-दूसरे से मैत्री संबंध रखते हैं। गुरु के पांचवे और आठवें भाव के स्वायमी होने पर सिंह राशि के लोगों को पुखराज पहनना चाहिए।इससे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। इन्हें सूर्य के रत्नस माणिक्य के साथ पुखराज पहनने से भी फायदा होता है।

कन्या राशि

कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध है। और गुरु इसके चौथे और सातवें भाव का स्वामी है। चौथे घर का संबंध माता, भूमि, भवन, वाहन और सुख से होता है जबकी जबकी सातवां घर जीवनसाथी का और मारकेश होता है। इसके अलावा बुध और गुरु के बीच मैत्री संबंध ना होने के कारण कन्या राशि के लोग पुखराज रत्न एवॉयड ही करें तो अच्छा है। पुखराज पहनने से आपके चौथे घर के शुभ परिणाम तो मिलेंगे, लेकिन एक मारकेश जैसी स्थिति बन जायेगी।

तुला राशि

तुला राशि के तीसरे और छठे घर का स्वामी गुरु है। साथ ही तुला राशि का स्वामी शुक्र है एवं गुरु और शुक्र के मध्य शत्रुता का संबंध होने के कारण तुला राशि के लोगों को पुखराज रत्न जरा भी फायदा नहीं पहुंचाता है। पुखराज पहनने से आपको पेट से संबंधित परेशानी हो सकती है।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है। गुरु और मंगल दोनों मैत्री संबंध रखते हैं। इस राशि के लोग लाल मूंगा के साथ पुखराज रत्न धारण कर सकते हैं।इसके अलावा वृश्चिक राशि वालों के लिये गुरु रत्न पंचम स्थान से संबंधित विषयों के शुभ फल प्रदान करेगा। ये विषय हैं – विद्या, संतान, विवेक, रोमांस, डिसीजन मेकिंग की एबिलिटी आदि। लेकिन वृश्चिक राशि वालों के लिये गुरु द्वितीयेश होने के कारण प्रबल मारकेश भी है। अतः वृश्चिक राशि वालों को गुरु यंत्र के साथ ही पुखराज पहनना चहिये वरना नहीं पहनना चहिये।

धनु राशि

धनु राशि वालों के लिये गुरु प्रथम भाव, यानी लग्न स्थान और चौथे भाव का स्वामी होता है। ये स्थान अत्यंत शुभ है। अतः धनु राशि वालों आपको पुखराज अवश्य पहनना चाहिए। इससे आपका शरीर, आपका स्वास्थ्य अच्छी हालत में तो रहेगा ही। साथ ही आपके माता का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा ।

मकर राशि

मकर राशि वालों का गुरु तृतीयेश यानि अकारक होता है और द्वादशेश यानि व्यय मान का स्वामी होने के कारण मकर राशि के लोगों को पुखराज रत्नि नहीं पहनना चाहिए। ये रत्नक आपको फायदे की जगह नुकसान दे सकता है।

कुंभ राशि

कुंभ राशि का स्वामी शनि ग्रह है। इस राशि में गुरु द्वितीयेश यानि प्रबल मारकेश और एकादशेश होने के कारण अकारक ही होता है । इस कारण कुंभ राशि के लोगों को भी पुखराज रत्न नहीं पहनना चाहिए।

(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

Tags

Next Story