Ravi Pradosh Fast: इस दिन है सावन अधिकमास का रवि प्रदोष व्रत, जानें इसका महत्व

Ravi Pradosh Fast: इस दिन है सावन अधिकमास का रवि प्रदोष व्रत, जानें इसका महत्व
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Ravi Pradosh Fast: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्रत और त्योहार की बड़ी महिमा बताई गई है। इस बार अधिकमास में ही रवि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस व्रत को करने से उपासक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

Ravi Pradosh Fast: शास्त्रों में व्रत और त्योहार की बड़ी महिमा बताई गई है। इस बार अधिकमास में ही रवि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस व्रत और त्योहार करने से जीवन में सुख-शांति, वैभव की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, व्यक्ति सभी संकटों से निजात भी पाता है। घर-परिवार की सारी परेशानियां दूर हो जाती है। बीमार हुए व्यक्ति के जीवन में सुधार होने लगता है। आइये जानते हैं कि सावन में रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh Fast) कब मनाया जा रहा है।

जानें कब है रवि प्रदोष व्रत

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सावन अधिकमास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 30 जुलाई, 2023 को रवि प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। ये रवि प्रदोष व्रत 30 जुलाई को सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगा और 31 जुलाई को सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इतना ही नहीं, ये सावन महीने के अधिकमास का प्रदोष व्रत होगा, क्योंकि सावन में अधिकमास 18 जुलाई, 2023 से ही शुरू हो रहा है और इसकी समाप्ति 16 अगस्त, 2023 को होगी।

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सावन में प्रदोष व्रत होने का महत्व

सावन महीने में प्रदोष व्रत रखने का एक अलग ही महत्व है। इस व्रत हो रखने से भगवान शंकर की असीम कृपा बनी रहती है। इस प्रदोष व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। घर-परिवार में कलेश नहीं होता है और संतान सुख में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं, इस व्रत में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना प्रदोष काल (Pradosh Kaal) में ही की जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रदोष काल की शुरुआत सूर्यास्त से करीब 45 मिनट पहले होती है। इसके बाद यह 45 मिनट बाद तक मान्य रहती है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष काल में भगवान शंकर कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृत्य कर रहे होते हैं।

Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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