जानिए शारदीय नवरात्रि का एक माह की देरी से आने का कारण

Sharadiya Navratri 2020 : शारदीय नवरात्रि प्रतिवर्ष अग्रेजी कलेंडर के अनुसार सितंबर या अक्टूबर के महीने में आती हैं। शारदीय नवरात्रि अश्विन माह में श्राद्ध पक्ष समाप्त होने के बाद आते थे। लेकिन वर्ष 2020 में इस बार श्राद्ध पक्ष के बाद नवरात्रि नहीं आएंगे। क्योंकि इस बार यानि वर्ष 2020 में श्राद्ध पक्ष के बाद एक माह खाली रहेगा। यानि एक माह अधिकमास रहेगा। और उसके बाद मातारानी की नवरात्रि प्रारंभ होंगी। मातारानी के शारदीय नवरात्रि प्रतिवर्ष अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में आते हैं। और ये अश्विन मास का शुक्ल पक्ष अग्रेजी कलेंडर के अनुसार सितंबर या अक्टूबर माह में पड़ता है। और वर्ष 2020 में श्राद्ध पक्ष भी 17 सितंबर 2020 को समाप्त हो जाएंगे। लेकिन इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होंगे।
नवरात्रि देर से आने का कारण
17 सितंबर को जैसे ही श्राद्ध पक्ष समाप्त होगा, और 18 सितंबर से मलमास या अधिक मास अथवा पुरुषोत्तम मास प्रारंभ हो जाएगा। और हिन्दू शास्त्रों के अनुसार मलमास को शुभ कार्यों के लिए त्यागना पड़ता है। कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य अथवा कोई भी ऐसा कार्य जिससे हमें फायदा होता हो, मलमास के दौरान नहीं किया जाता है। मलमास में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, गृह प्रवेश, शुद्धि-हवन, यज्ञ आदि नहीं किए जाते हैं।
वर्ष 2020 में मलमास 16 अक्टूबर 2020 को समाप्त होगा। जिसके कारण वर्ष 2020 में माता के नवरात्रे एक माह की देरी से आएंगे। श्राद्ध पक्ष के बाद एक माह तक कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा। और यह पूरा माह मांगलिक कार्य के लिए खाली रहेगा। यानि इस अवधि में किसी प्रकार का कोई शुभ कार्य नहीं किया जाएगा।
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