जन्म लेते ही बच्चे के रोने का ये होती है वजह, जानकर चौक जाएंगे आप

- अगर जन्म के बाद बच्चा ना रोये तो यह एक बुरा संकेत है।
- जन्म के बाद बच्चे का रोना बहुत शुभ संकेत होता है।
जब एक बच्चा जन्म लेता है, इस संसार में अपनी आंखें खोलता है और वो मां के गर्भ से बाहर आता है तो वह उस समय ना तो किसी चीज को जानता है और ना ही किसी चीज को पहचानता है। ना ही किसी को समझ पाता है और ना ही किसी से कुछ पूछ पाता है। लेकिन क्या कभी आपने अपने जीवन में सोचा है कि आखिर बच्चा जन्म लेने के तुरन्त बाद रोता क्यों हैं, इसके पीछे क्या कारण हैं और इसकी क्या वजह है। हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार, वैसे तो इसके पीछे एक पौराणिक कथा की मान्यता है लेकिन यह एक ऐसा सवाल है जिसके बारे में हर कोई जानना चाहता है, कि आखिर बच्चे जन्म लेने के तुरन्त बाद रोते क्यों हैं, इसका सबब क्या है।
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बच्चा जन्म लेने के तुरन्त बाद अगर नहीं रोता है तो आपको समझ लेना चाहिए कि यह एक बुरा संकेत हो सकता है। क्योंकि ऐसा बच्चा मृत भी हो सकता है और यदि बच्चा जन्म लेने के तुरन्त बाद रोता है तो यह आपके लिए एक खुशी की खबर होती है कि आपका बच्चा जीवित है। क्योंकि बच्चे के फेफड़ों में एम न्यूटिकस फ्लूड भरा रहता है, ये वो पानी होता है जोकि मां के गर्भ में शिशु को महफूज रखता है और फेफड़ों में ऑक्सीजन की चेंजिंग में रोक बना होता है। इसलिए इस पानी को बच्चे के फेफड़ों से निकालने के लिए यह जरुरी होता है कि बच्चा जन्म लेने के तुरन्त बाद जोर से चिल्लाये। बच्चे के चिल्लाने की वजह से ये एम न्यूटी फ्लूड यानी ये द्रव्य पानी बच्चे के फेफड़ों से बाहर निकल जाता है और बच्चा सांस लेने के काबिल हो जाता है। और अगर बच्चा जन्म लेने के बाद नहीं रोता है तो इस द्रव्य पानी के फेफड़ों में होने की वजह से बच्चे को ऑक्सीजन ना मिलने की वजह से बच्चे की मौत भी हो सकती है। वहीं हमारे हिन्दू धर्मशास्त्रों में इस बारे में भी विस्तार से बताया गया है। तो आइए जानते हैं हिन्दू धर्मशास्त्र के मुताबिक जन्म लेते ही बच्चे के रोने की वजह के बारे में।
हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ विष्णु पुराण के मुताबिक, जब ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना कर रहे थे और जब वह स्वयं जैसे पुत्र उत्पन्न करने के लिए विचार कर रहे थे तो अचानक से उनकी गोद में एक नीले रंग का मायावी बालक प्रकट होता है। ये बालक रोते हुए ब्रह्मा जी की गोद में इधर-उधर उथल-पुथल कर रहा था। जब ब्रह्मा जी स्वयं उस बालक से इसकी वजह पूछते हैं तो वह बालक कहता है कि मैं कौन हूं? और मैं कहां पर हूं?
इस पर ब्रह्मा जी कहते हैं कि पैदा होते ही तुमने रोना शुरू कर दिया, इसलिए मैं आज से तुम्हारा नाम रूद्र रखता हूं। ऐसी मान्यता है कि इस बच्चे के जन्म से पहले किसी बच्चे ने रोना शुरू नहीं किया था। बस तभी से जन्म के बाद बाकी बच्चों में भी रोने का नियम बन गया और हमारे हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, ऐसी पौराणिक मान्यता है।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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