Rishi Panchami 2020 Calendar/ ऋषि पंचमी 2020 कैलेंडर

Rishi Panchami 2020 Calendar/ ऋषि पंचमी 2020 कैलेंडर
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Rishi Panchami 2020 Calendar : ऋषि पंचमी का कैलेंडर जानकर आप ऋषि पंचमी की तिथि (Rishi Panchami Tithi) और ऋषि पंचमी का शुभ मुहूर्त (Rishi Panchami Shubh Muhurat) जान सकती हैं। जिससे आप सही समय पर सप्तऋषियों की पूजा अर्चना कर सकती हैं तो चलिए जानते हैं ऋषि पंचमी का कैलेंडर।

Rishi Panchami 2020 Calendar : ऋषि पंचमी व्रत 23 अगस्त 2020 (Rishi Panchami 23 August 2020) को रखा जाएगा। यह व्रत महिलाएं मासिक धर्म में हुई गलतियों के प्रायश्चित के लिए रखती हैं। ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषियों और माता अरुंधति की पूजा का विधान है। लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपको ऋषि पंचमी का व्रत (Rishi Panchami Vrat) कब करना चाहिए और किस मुहूर्त में ऋषि पंचमी की पूजा करनी चाहिए अगर नहीं तो आपको ऋषि पंचमी का कैलंडर अवश्य जान लेना चाहिए। जिससे आप सही समय पर सप्तऋषियों की पूजा करके इस दोष से मुक्त हो सकें।

ऋषि पंचमी कैलेंडर 2020 (Rishi Panchami 2020 Calendar)

तिथि

पंचमी

दिन

रविवार

माह

भाद्रपद मास

ऋषि पञ्चमी पूजा मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक

शुभ योग

सुबह 6 बजकर 20 मिनट तक

रवि योग

शाम 5 बजकर 6 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 55 मिनट तक

नक्षत्र

चित्रा

योग

शुक्ल

करण

बालव

चंद्रमा

तुला राशि

सूर्य राशि

सिंह राशि

अभिजित मुहूर्त मुहूर्त

सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक

अमृत काल

सुबह 11 बजकर 16 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक

राहुकाल

शाम 5 बजकर 15 मिनट से शाम 6 बजकर 52 मिनट तक

सूर्योदय

05:54 ए एम

सूर्यास्त

06:53 पी एम

जानिए क्यों किया जाता है ऋषि पंचमी व्रत (Kyu Kiya Jata Hai Rishi Panchami Vrat)

ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं के लिए अत्यंत विशेष माना जाता है। इस व्रत को करने से महिलाएं सभी दोषों से मुक्त हो जाती हैं। हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी के विशेष महत्व दिया जाता है। जिस समय पर महिलाओं को मासिक धर्म आता है उस समय वह अपवित्र मानी जाती है। ऐसे में उन्हें किसी कार्य को करने की अनुमति नहीं होती। यह समय महिलाओं के एक ऐसा समय होता है। जिसमें वह किसी धार्मिक कार्य में तो बिल्कुल भी भाग नहीं ले सकती है।

इसी कारण उन्हें इस समय पर अधिक और कड़े नियमों का पालन करना पड़ता है। लेकिन कई बार महिलाओं से न चाहते हुए भी जाने अनजाने में भूल हो जाती है। जिसकी वजह से उन्हें पाप का भागीदार बनना पड़ता है। महिलओं की इसी भूल की क्षमा याचना के लिए ऋषि पंचमी पर सप्तऋषियों और माता अरूंधति का पूजन किया जाता है। जिससे महिलाओं को पाप का भागीदान न बनना पड़े।

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